Fake Passport उपयोग मामले में दिल्ली की एक अदालत ने 20 साल पुराने मामले दो आरोपियों को किया बरी
नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने कथित रूप से फर्जी पासपोर्ट, वीजा स्टीकर और सऊदी अरब दूतावास का रबड़ स्टैंप रखने के 20 साल पुराने मामले में आरोपी दो लोगों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अजीत नारायण, सुलेमान खान और हसीबुल रहमान के खिलाफ दायर मुकदमे की सुनवाई कर रहे थे।
न्यूज़ एजेंसी भाषा के अनुसार, फराश बाजार थाना पुलिस ने दोनों के खिलाफ 2002 में प्राथमिकी दर्ज की थी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, सुलेमान खान के पास से 13 अगस्त, 2002 को छह फर्जी पासपोर्ट, तीन वीजा स्टीकर और सऊदी अरब दूतावास के पांच कथित रबड़ स्टांप बरामद किए गए थे।
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सुलेमान ने बताया कि वह रहमान आरोपी खान का सहयोगी था और पीड़ितों को फंसाने का काम करता था। मजिस्ट्रेट ने अपने फैसले में कहा, मेरा विचार है कि अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ आरोपों को संदेह के परे साबित करने में असफल रहा है, इसलिए दोनों आरोपियों को संदेह का लाभ दिया जा रहा है।’’
मजिस्ट्रेट ने कहा, इसलिए आरोपियों को आरोप से बरी किया जाता है।’’