Delhi Air Pollution: एक्शन में सुप्रीम कोर्ट! Delhi, UP समेत कई राज्यों से मांगा हलफनामा
Delhi Air Pollution: दिल्ली में अभी सर्दी शुरू हुई है. वहीं वायु प्रदूषण ने लोगों की जिंदगी पर प्रभाव डालना शुरू कर दिया है. दिल्ली वायु प्रदूषण (Air Pollution) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) एक्शन में नजर आया. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली की सरकारों से हलफनामा दायर कर यह बताने को कहा कि फसल जलाने पर रोक लगाने के उपायों सहित वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं.
ऐसा तब हुआ जब वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने न्यायालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण का एक कारण पराली जलाना है.
सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण पर क्या कहा?
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जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की डिवीजन बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी. बेंच ने कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ओर से 10 अक्टूबर के आदेश के अनुपालन में स्थिति रिपोर्ट दायर की गई है. रिपोर्ट व्यापक है, लेकिन वायु गुणवत्ता की समस्या अभी भी बनी हुई है. चिह्नित मुद्दों में से एक फसल जलाने का है.
अदालत ने आगे कहा,
" एल.डी. एमिकस का सुझाव है कि संबंधित राज्यों को एक हलफनामा देना चाहिए जिसमें यह बताया गया हो कि उन्होंने स्थिति को भुनाने के लिए क्या कदम उठाए हैं. पंजाब, हरियाणा, यूपी, राजस्थान और दिल्ली राज्य एक सप्ताह के भीतर अपना हलफनामा दाखिल करे."
केंद्र ने क्या दलील दी?
आज की सुनवाई के दौरान, केंद्र ने प्रस्तुत किया कि सीएक्यूएम की रिपोर्ट प्रदूषण के आठ स्रोतों से निपटती है, और इसमें उस संबंध में उठाए गए कदमों के बारे में बताया गया है. इसके अलावा, इसमें पिछले दो-तीन वर्षों और आज की स्थिति की तुलना करने वाली तालिकाएं भी शामिल हैं.
जस्टिस कौल ने वायु गुणवत्ता पर प्रभाव के बारे में पूछा और केंद्र से कहा- ये सभी कदम कागज पर हैं. जमीनी हकीकत पर क्या हो रहा है?
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अभी तो सर्दी शुरू हुई है. कुछ दशक पहले दिल्ली में ये सबसे अच्छा समय होता था और अब... अगली पीढ़ी पर इसका प्रभाव पड़ेगा.