Bombay High Court के पूर्व कर्मचारियों की पेंशन में देरी-Supreme Court ने लिया स्वप्रेणा प्रसंज्ञान
नई दिल्ली: Bombay High Court के पूर्व कर्मचारियों को सेवानिवृति के 3-7 साल बाद भी पेंशन लाभ नही मिलने के मामले में Supreme Court ने स्वप्रेणा प्रसंज्ञान लेते हुए मामले पर सुनवाई करने का निर्णय लिया है.
CJI DY Chandrachud को Bombay High Court के पूर्व कर्मचारियों को ने पेंशन लाभ नही मिलने और पेंशन लाभ के लिए हो रही मुश्किलों को लेकर पत्र लिखा था. पत्र में पूर्व कर्मचारियों ने CJIको लिखा कि उनकी सेवानिवृति के 3 से 7 साल तक हो चुके है, लेकिन अभी तक उन्हे उने पेंशन और सेवानिवृति लाभ नही दिये जा रहे है.
पत्र में एक पूर्व कर्मचारी द्वारा पेंशन में देरी के कारण मानसिक तनाव के चलते आत्महत्या करने की भी जानकारी दी गई है.
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CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने इस पत्र को अपनी पीठ के समक्ष पत्र याचिका के तौर पर स्वीकृत करते हुए इस मामले पर तत्काल कार्रवाई की जरूरत बताई.
CJI की पीठ ने कहा कि अदालत के समक्ष जो कहा जा रहा है, उसके मद्देनजर, हमारा विचार है कि Bombay High Court के मुख्य न्यायाधीश के साथ मिलकर महाराष्ट्र और गोवा राज्य द्वारा तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है.
CJI की पीठ ने इस मामले में पूर्व कर्मचारियों की मांगो को और अदालत को मामले में सुझाव देने के लिए एडवोकेट महफूज ए नाज़की को एमिकस क्यूरी भी नियुक्त किया है.
सुनवाई के दौरान ही CJI ने एडवोकेट नाज़की को न्यायमित्र करते हुए कहा कि एडवोकेट नाज़की, देखें कि क्या वे उन कर्मचारियों से कॉल पर बात कर सकते हैं.
सुनवाई के बाद Supreme Court ने Bombay High Court के Registrar General को भी नोटिस जारी किया है.