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Cyber Crime: क्रिप्टोकरंसी धोखाधड़ी के शिकार व्यक्ति को एक साल बाद 36 लाख रुपये वापस मिले

ठाणे जिले में पिछले साल क्रिप्टोकरंसी धोखाधड़ी में 36 लाख रुपये गंवाने वाले एक मोबाइल की दुकान के मालिक को उसकी पूरी रकम वापस मिल गई है। पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी भाषा को दी और कहा कि इस मामले की जांच मीरा भायंदर-वसई विरार (एमबीवीवी) पुलिस आयुक्तालय के साइबर प्रकोष्ठ ने की।

Written By My Lord Team | Published : June 16, 2023 3:56 PM IST

ठाणे (महाराष्ट्र): पिछले साल हुए क्रिप्टोकरंसी धोखाधड़ी में लाखों रुपये गंवाने वाले मोबाइल की दुकान के एक मालिक को उसकी पूरी रकम वापस मिल गई है, और पुलिस ने इस अपराध में शामिल एक चीनी नागरिक का पता भी लगा लिया।

न्यूज़ एजेंसी भाषा के अनुसार, ठाणे जिले में पिछले साल क्रिप्टोकरंसी धोखाधड़ी में 36 लाख रुपये गंवाने वाले एक मोबाइल की दुकान के मालिक को उसकी पूरी रकम वापस मिल गई है। पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी भाषा को दी और कहा कि इस मामले की जांच मीरा भायंदर-वसई विरार (एमबीवीवी) पुलिस आयुक्तालय के साइबर प्रकोष्ठ ने की।

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एमबीवीवी साइबर प्रकोष्ठ के वरिष्ठ निरीक्षक सुजीत कुमार गुंजकर ने भाषा को बताया कि पीड़ित को फरवरी 2022 में क्रिप्टोकरंसी कारोबार के लिए लुभाया गया और फिर वह एक व्हाट्सऐप समूह से जुड़ गया जिसके प्रशासक ने उससे संपर्क किया और अच्छे मुनाफे का वादा कर क्रिप्टोकरंसी में निवेश करने को कहा।

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अधिकारी ने भाषा को बताया मोबाइल की दुकान का मालिक उस व्यक्ति के झांसे में मोबाइल ऐप के माध्यम से पैसे का निवेश किया और 39,596 अमेरिकी डॉलर मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी ख़रीदा. पिछले साल मई के आखिर में यह व्हाट्सऐप समूह बंद हो गया और कई प्रयासों के बाद भी वह समूह प्रशासक से संपर्क करने में नाकाम रहा।

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रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित को फिर एहसास हुआ कि उसके साथ धोखा हुआ है। इसके बाद उसने साइबर पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद जांच शुरू हुए और विभिन्न साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई के दौरान पुलिस को सेशेल्स में पंजीकृत एक क्रिप्टोकरंसी हस्तांतरण केंद्र ओकेएक्स का पता चला.

जांच के दौरान पुलिस को एक संदिग्ध क्रिप्टोकरंसी वॉलेट’ का पता चला, और पुलिस ने ओकेएक्स से संपर्क किया तब पता चला कि यह संदिग्ध वॉलेट एक चीनी नागरिक का है.

गौरतलब हो की क्रिप्टोकरंसी वॉलेट’ एक सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर है जो कई विभिन्न आकृति एवं आकार में आता है जिससे यूजर क्रिप्टोकरंसी को वहां रखते और इसका इस्तेमाल करते हैं।

अधिकारी ने भाषा को बताया कि शिकायत और जांच के आधार पर काशिमीरा थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 34 (साझा मंशा) के तहत मामला दर्ज किया गया, और साइबर प्रकोष्ठ ने इसके बाद अपराध की विस्तृत जानकारी और जांच के परिणाम के साथ स्थानीय अदालत का रुख किया.

Police ने अदालत को बताया कि पीड़ित का धन चीनी नागरिक के वॉलेट में है और जिस नंबर से पीड़ित से संपर्क किया गया था वह हांगकांग का है. साइबर प्रकोष्ठ की दलीलों के आधार पर अदालत ने क्रिप्टोकरंसी के रूप में पीड़ित के 36 लाख रुपये शिकायतकर्ता को लौटाने का आदेश दिया.

अदालत के आदेश के उपरांत वह राशि बरामद कर ली गई और कुछ दिनों बाद रकम शिकायतकर्ता को वापस कर दी गई।