Vaccine से जान को खतरा है या नहीं! Covishield तैयार करने वाली कंपनी ने U.K. Court को बताई सच्चाई, SC में भी पहुंचा ये मामला
Covishield Vaccine: अदालत एक जैसी जगह जहां लोगों की चलाकी काम नहीं आती. कंपनियों का भले ही लाभ कमाना हो लेकिन अदालत नागरिक हितों को ध्यान में रखकर संविधान संगत कार्रवाई करती है. अन्य सभी संस्थाओं को संविधान या नियमों के अनुरूप काम करने को बाध्य करती है.
कोविड-19 के दौरान दुनिया भर में मौत की त्रासदी फैली हुई थी. पल-पल लोग अपने अमूल्य जीवन को खो रहे थे. महामारी ही ऐसी थी, टीका बचाव के रूप में आया. यूं कहें कि कोविड-19 की लड़ाई में बेहद मजबूत हथियार के तौर पर आया. एक ऐसा तबका वो भी था जिसे कोविड-19 वैक्सीन के दुष्प्रभावों का सामना भी करना पड़ा. अब वैक्सीन बनाने वाली कंपनी ने इस बात को यूनाइटेड किंगडम (यू.के.) की एक हाईकोर्ट में स्वीकार की है. कंपनी ने कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield Vaccine) को बताया. कंपनी ने स्वीकार किया कि कोविशील्ड के दुष्प्रभाव है.
Covishield Vaccine वाली कंपनी ने क्या कहा?
कंपनी का नाम एस्ट्राजेनेका (AstraZeneka) है. एस्ट्राजेनेका ने दुनिया भर में कोविड वैक्सीन कोविशील्ड की पूर्ति की है. भारत में भी लोगों ने कोविशील्ड वैक्सीन ही लगवाई है. एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन की एक हाईकोर्ट को बताया.
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कंपनी ने बताया, इस वैक्सीन के साईड इफेक्ट्स हैं. टीके लेने वाले व्यक्ति को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) हो सकते हैं. लेकिन ऐसा होना कठिन है यानि लाखों-करोड़ो लोगों में केवल एक या दो मामले इसके देखे जाने की संभावना है.
TTS कौन-सी बला का नाम है?
TTS में खून के धक्के लगते हैं. यानि शरीर में खून का जमना जिससे ब्लड सर्कुलेशन रूक जाता है. ब्लड सर्कुलेशन रूकने से ब्रेन स्ट्रोक या कार्डियक अरेस्ट की संभावना बढ़ जाती है.
ब्रिटेन की कोर्ट में कैसे पहुंचा मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रिटेन के जेमी स्कॉट नामक व्यक्ति ने एस्ट्राजेनेका पर आरोप लगाया कि कंपनी के कोरोना वैक्सीन की वजह से वो TTS के शिकार हो गए थे. उन्होंने अदालत में गुहार लगाई कि कंपनी इसके चलते उन्हें मुआवजा दे. सिर्फ जेमी स्कॉट ही नहीं, उनके जैसे अनेक लोगों ने भी कोर्ट में एस्ट्राजेनेका के खिलाफ शिकायत की है.
सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा मामला
भारत में लोगों की भी ऐसी शिकायतें रही हैं. अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. वकील विशाल तिवारी ने इस मामले को उठाते हुए इस आरोपों की जांच की मांग की है. उन्होंने जांच के लिए रिटायर्ड जजों की अगुवाई में इस जांच को बढ़ाने की मांग की है. याचिका में ये भी साफ तौर पर कहा गया है कि जो लोग इस वैक्सीन को लगाने की वजह से अक्षम हो गए हैं या जिनकी मौत हो गई है उन्हें मुआवजा देने का निर्देश दिया जाए.
X (पूर्व में ट्विटर) पर भी ये चर्चाएं तेज हैं. हम आपको इंडिया.कॉम के लीगल जर्नलिस्ट ब्रिज द्विवेदी ने भी इस मामले से लोगों को अवगत कराया है.
अब ये देखना दिलचस्प रहेगा कि इस याचिका पर आगे क्या कार्रवाई की जाती है.
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