हेमंत सोरेन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज करेगी सुनवाई, झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को दी है चुनौती
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगी. हेमंत सोरेन ने ED की गिरफ्तारी को चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट में, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपंकर दत्ता की बेंच ही हेमंत सोरेन की याचिका को सुनेगी. बता दें कि इसी बेंच ने पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत दी थी. सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल हेमंत सोरेन का पक्ष रखेंगे.
हेमंत सोरेन को मिलेगी अंतरिम राहत?
रिपोर्ट्स की मानें तो सोरेन भी केजरीवाल को मिली जमानत के आधार पर ही राहत की मांग कर सकते है. बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार करने के लिए 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दी है. वहीं, 2 जून के दिन उन्हें वापस से सरेंडर करना होगा. इस दौरान वे मुख्यमंत्री पद से जुड़े किसी कार्य को करने पर रोक है.
हेमंत सोरेन ने झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. झारखंड हाईकोर्ट ने पहले ही हेमंत सोरेन द्वारा ED की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की थी.
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हालांकि, अनुनय-विनय करके सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने किसी तरह जस्टिस को मनाया. बेंच ने मामले को 17 मई के लिए सूचीबद्ध किया है.
सीनियर एडवोकेट ने नाराजगी जताई. कहा कि तब याचिका को ही खारिज कर दें. तब तक चुनाव खत्म हो जाएंगे. देखिए हाईकोर्ट ने भी हमारे साथ क्या किया है!
जस्टिस खन्ना: ईडी को सात दिनों का समय दिया है.
सिब्बल: मामले को कृप्या शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध करें.
जस्टिस खन्ना: अगर हम सूचीबद्ध भी कर दें, तो हम मामले को सुन नहीं पाएंगे. हम इसे 20 मई के लिए रखते हैं.
सिब्बल: हम याचिका को वापस लेते हैं.
जस्टिस खन्ना: ये क्या कब रहे हैं आप? हम सुनेंगे भी तो आदेश नहीं दे पाएंगे.
सिब्बल: ये मेरी गलती नहीं है. आपने ही हमें हाईकोर्ट भेजा था.
जस्टिस खन्ना: हमने आपको हाईकोर्ट भेजा, ऐसा हम सभी के साथ करते हैं, फिर भी हम इस मामले को 29 मई को सुनेंगे.
सिब्बल ने आपत्ति जताते हुए कहा कि इस मामले को शुक्रवार के दिन रखें या अंतरिम जमान दे दें.
जस्टिस खन्ना: अभी बहुत काम है.
जस्टिस खन्ना: हमें महसूस हुआ कि आपने कहा कि 2009 से जमीन हमारे कब्जे में है. चलिए ठीक है, हम इस मामले को जुलाई में रखते हैं.
सिब्बल: तब तक चुनाव समाप्त हो चुके होंगे. मेरे साथ ही ये पक्षपात क्यों?
जस्टिस खन्ना: हमें लगा कि ये आपने स्वीकार किया है. सभी कह रहे हैं कि आप इस जमीन के मालिक है.
सिब्बल: इसका कोई सबूत नहीं है. मौखिक तौर पर सभी कहते हैं कि जमीन मंत्री जी का है. मुझे जमीन के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
जस्टिस खन्ना: एक बात बताइए, क्या जमीन आपके कब्जे में है?
सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल: जमीन कभी मेरे कब्जे में नहीं था.