अदालत के आदेश और कुछ नही बल्कि रद्दी कागज हैं अगर ठीक से लागू नही किया गया:Justice Battu Devanand
नई दिल्ली: Andhra Pradesh High Court के जज Justice Battu Devanand ने सोमवार को मद्रास हाईकोर्ट जज के रूप में शपथ ली. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टी राजा ने उन्हे पद एवं गोपनियता की शपथ दिलाई. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाल ही में उनका तबादला आंध्रप्रदेश से मद्रास हाईकोर्ट में किया था.
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश को केन्द्र सरकार द्वारा मंजूरी के बाद 23 मार्च को राष्ट्रपति भवन से उनके तबादला आदेश जारी हुए थे.
शपथग्रहण के पश्चात आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए Justice Battu Devanand ने कहा कि अदालत के आदेश तब तक बेकार हैं जब तक उन्हें लागू नहीं किया जाता.
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उन्होने कहा कि "जब तक अदालत के आदेंशो को सही मायने में लागू नहीं किया जाता है, तब तक ये आदेश रद्दी कागज के अलावा और कुछ नहीं हैं."
Justice Battu Devanand ने अदालतों के कर्तव्यों का बोध कराते हुए कहा कि "मेरी राय में, आदेश पारित करना और निर्णय देना ही केवल अदालतों और जजों का कर्तव्य नहीं है बल्कि उन आदेशो को सही मायने में लागू किया जाना भी."
अपने पिता के जीवन को याद करते हुए Justice Battu Devanand ने कहा कि उनके माता-पिता तमिलनाडु के एक सुदूर गांव के स्कूल शिक्षक थे, लेकिन उन्होंने उनमें जीवन के सभी पाठ और मूल्य को समझाने में अपना जीवन दिया है.
समारेाह को संबोधित करते हुए Justice Devanand ने कहा कि अंबेडकर-पेरियार की बातचीत का असर संविधान पर पड़ा है. उन्होने कहा कि यहां तमिलनाडु में पेरियार के साथ अंबेडकर की बातचीत निश्चित रूप से भारत के संविधान में देश के प्राथमिक कानून के कुछ महत्वपूर्ण पन्नों में परिलक्षित होती है.