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Motor accident claims की सुविधा के लिए सभी राज्य पुलिस थानों में special units गठित करे- SC

सुप्रीम कोर्ट ने देश सभी राज्यों में motor accident claims जांच के लिए पुलिस स्टेशनों या कम से कम शहर स्तर पर एक special units का गठन करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेशों की पालना तीन महीने की अवधि के भीतर सुनिश्चित करने को कहा है.

Written By Nizam Kantaliya | Published : December 30, 2022 12:31 PM IST

नई दिल्ली: देशभर में मोटर दुर्घटना से जुड़े दावों Motor Accident claims को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला दिया है. Supreme Court ने देश के सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि मोटर दुर्घटना दावा मामलों की जांच और सुविधा के लिए तीन महीने के भीतर पुलिस थानों में एक विशेष इकाई special units गठन किया जाए.

Supreme Court ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि किसी सार्वजनिक स्थान पर सड़क दुर्घटना की सूचना मिलने पर संबंधित पुलिस थानाधिकारी को मोटर वाहन संशोधन अधिनियम की धारा 159 के अनुसार कदम उठाने होगे, जिसके तहत प्रत्येक दुर्घटना की सूचना रिपोर्ट दर्ज की जाती है.

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तीन माह में रिपोर्ट

जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने हाल ही में मोटर वाहन दुर्घटना के मामले में दुर्घटना बीमा क्लेम से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिए है.

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सुप्रीम कोर्ट के अनुसार यह special units मोटर वाहन दुर्घटना बीमा क्लेम के मामलों की जांच करने के बाद तीन महीने के भीतर उसकी रिपोर्ट ट्रिब्यूनल में दायर की जाएगी.

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दुर्घटना की FIR दर्ज करने के बाद जांच अधिकारी Motor Vehicles Amendment Rules, 2022 के अनुसार कार्य करते हुए क्लेम ट्रिब्यूनल के समक्ष 48 घंटे के भीतर प्रथम दुर्घटना रिपोर्ट पेश करेगा.

इस मामले में कई दिशा निर्देश जारी करते हुए पीठ ने कहा कि सभी राज्यों में गृह विभाग के प्रमुख और और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशक इस तरह के मामलों की जांच के लिए पुलिस स्टेशनों या कम से कम शहर स्तर पर एक special units का गठन करके नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे. पीठ ने कोर्ट के आदेशों की पालना तीन महीने की अवधि के भीतर सुनिश्चित करने को कहा है.

स्थानीय भाषा में हो दस्तावेज

गौहर मोहम्मद बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के मामले में फैसला देते हुए पीठ ने कहा कि रजिस्ट्रेशन अधिकारी वाहन के पंजीकरण, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन की फिटनेस, परमिट और अन्य सहायक मुद्दों को सत्यापित करने के लिए बाध्य है और दावा न्यायाधिकरण के समक्ष पुलिस अधिकारी के समन्वय में रिपोर्ट प्रस्तुत करता है.

पीठ ने कहा कि दुर्घटना दावे से जुड़े चार्ट और अन्य सभी दस्तावेज, जैसा कि नियमों में निर्दिष्ट है, या तो स्थानीय भाषा में या अंग्रेजी भाषा में होगा, जैसा भी मामला हो और नियमों के अनुसार आपूर्ति की जाएगी.

इस तरह के मामले में जांच अधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अधिकारी को मोटर वाहन संशोधन नियमों का पालन करते हुए की गई कार्रवाई के संबंध में पीड़ित या कानूनी प्रतिनिधि, चालक, मालिक, बीमा कंपनियों और अन्य हितधारकों को सूचित करेगा.

"यदि दावाकर्ता या मृतक के कानूनी प्रतिनिधि ने हाईकोर्ट क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में अलग-अलग दावा याचिका दायर की है, तो दावेदार/कानूनी प्रतिनिधि(ओं) द्वारा दायर की गई पहली दावा याचिका को बरकरार रखा जाएगा और बाद की दावा याचिका को स्थानांतरित कर दिया जाएगा.

Web portal  तैयार करें राज्य

Supreme Court ने स्पष्ट किया कि क्लेम का दावा करने वाले दावेदारों को अन्य हाईकोर्ट के क्षेत्र में दायर अन्य दावा याचिकाओं के ट्रांसफर के लिए सुप्रीम कोर्ट में आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है."

सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही सभी राज्य के अधिकारियों को मोटर वाहन संशोधन अधिनियम और नियमों के प्रावधानों को पूरा करने के लिए और सभी पक्षों के साथ समन्वय और सुविधा के लिए एक संयुक्त वेब पोर्टल तैयार करने का निर्देश दिया है.