चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के न्यायालयों के लिए लॉन्च किये ई-इनिश्येटिव्स, रखी नए हाईकोर्ट कॉम्प्लेक्स की नींव
नई दिल्ली: मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) ने बुधवार को जम्मू में एक नए उच्च न्यायालय के कॉम्प्लेक्स की नींव रखी है। इस मौके पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कई मुद्दों पर बातचीत की और साथ में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के न्यायालयों के लिए ई-इनिश्येटिव्स भी लॉन्च किये।
बुधवार को जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने जम्मू में एक नए हाईकोर्ट कॉम्प्लेक्स (New High Court Complex, Jammu) की नींव रखी है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस आधुनिकतम कॉम्प्लेक्स की कीमत लगभग 800 करोड़ रुपये है और यह जम्मू के बाहरी हिस्से में, रायका वन भूमि में बन रहा है।
फाउंडेशन स्टोन लेइंग सेरिमनी के मौके पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर बी डी मिश्रा और उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश मौजूद थे। देश के कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) ने इवेंट को वर्चुअली जॉइन किया था।
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CJI ने लॉन्च किये ई-इनिश्येटिव
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जम्मू में नए हाईकोर्ट कॉम्प्लेक्स की नींव रखने के इस बड़े मौके पर जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कुछ ई-इनिश्येटिव्स लॉन्च किये। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के न्यायालयों के लिए कुछ नई ई-सुविधाओं को लॉन्च किया गया है जिससे उनका काम आसान हो सके और न्याय प्रदान करने की प्रक्रिया सुगम और बेहतर हो सके।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने उच्च न्यायालय के लिए एक 'प्रलेख प्रबंधन तंत्र' (Document Management System) लॉन्च किया है और साथ में दोनों केंद्र-शासित प्रदेशों की जिला अदालतों के लिए एक 'राष्ट्रीय सेवा' की शुरुआत की है जो वहां के इलेक्ट्रॉनिक प्रोसेसेज को ट्रैक करेगी।
'फ्रंटलाइन वॉरियर्स'
इस मौके पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने सभी न्यायिक अधिकारियों को 'फ्रंटलाइन वॉरियर्स' का दर्जा दिया है और उन्हें यह समझाना चाहा है कि जो आम आदमी न्याय मांग रहा है, उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना जरूरी है, उन्हें किसी भी हाल में निराश नहीं करना है।
न्यायप्रणाली में महिलाओं की कमी पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा है कि आमतौर पर इस प्रोफेशन में ही कम महिलायें हैं और जब से इस केंद्र-शासित प्रदेश में उच्च न्यायालय की स्थापना हुई है, ऐसा बहुत कम हुआ है कि एक महिला उच्च न्यायालय की न्यायाधीश या मुख्य न्यायाधीश बनी हो। सीजेआई ने यह भी बताया कि जब से उच्चतम न्यायालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग शुरू हुई है, उन्होंने कई महिला वकीलों की सहभागिता देखी है।