छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में आरोपी नितेश पुरोहित ने सुप्रीम कोर्ट से वापस ली जमानत याचिका
नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ शराब घोटाले (Chhattisgarh Liquor Scam) के आरोपी नितेश पुरोहित (Nitesh Purohit) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) से, घोटाले से संबंधित अपनी याचिका वापस ले ली है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आरोपी नितेश पुरोहित ने इस घोटाले से संबंधित अपनी जमानत याचिका बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बेला एम त्रिवेदी (Justice Bela M Trivedi) और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्र (Justice Prashant Kumar Mishra) की अवकाशकालीन पीठ ने नितेश पुरोहित को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी है।
ईडी ने नितेश पुरोहित को किया था गिरफ्तार
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने नितेश पुरोहित को इस घोटाले के चलते 11 मई, 2023 को गिरफ्तार किया था, और अब वो न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में हैं।
Also Read
- बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन करने का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट; RJD, TMC सहित इन लोगों ने दायर की याचिका, अगली सुनवाई 10 जुलाई को
- BCCI को नहीं, ललित मोदी को ही भरना पड़ेगा 10.65 करोड़ का जुर्माना, सुप्रीम कोर्ट ने HC के फैसले में दखल देने से किया इंकार
- अरूणाचल प्रदेश की ओर से भारत-चीन सीमा पर भूमि अधिग्रहण का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा बढ़ाकर देने के फैसले पर लगाई रोक, केन्द्र की याचिका पर जारी किया नोटिस
इस बीच, पीठ ने अमित सिंह की याचिका को आगत के दूसरे हफ्ते के लिए सूचीबद्ध किया है जिसमें उनका यह दाबा है कि उनके साथ 'कैद में यातना' (Custodial Torture) सहना पड़ा है।
पीठ ने PMLA के प्रावधानों पर की थी टिप्पणी
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़ी मनी लौंडरिंग की याचिकाओं को सुनते समय जस्टिस बेला त्रिवेदी ने यह टिप्पणी की थी कि एक ऐसा 'चलन' उन्हें देखने को मिल रहा है जिसमें याचिकाकर्ता संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सीधे उच्चतम न्यायालय के पास जा रहे हैं और इससे पीएमएलए (PMLA) के प्रावधानों के तहत आने वाले फोरम नजरअंदाज हो रहे हैं और उन प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को इस तरह चुनौती दी जा रही है।
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला
2019 से 2022 के बीच चले छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की ईडी (Enforcement Directorate) ने जांच की है जिसमें यह सामने आया है कि कई तरह से भ्रष्टाचार हुआ है।
दो हजार करोड़ रुपये के इस बड़े घोटाले की चल रही जांच के हिसाब से अरुण पति त्रिपाठी (Arun Pati Tripathi) ने अनवर ढेबर (Anwar Dhebar) के सुझाव पर छत्तीसगढ़ की पूरी शराब व्यवस्था को भ्रष्ट कर दिया। बता दें कि दें कि इस घोटाले में राज्य द्वारा चलाई जाने वाली शराब की दुकानों से बेहिसाब कच्ची शराब बेची गई।