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मस्जिद में 'जय श्री राम' का नारा लगाना अपराध नहीं, कर्नाटक हाईकोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ रद्द की FIR

कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने मस्जिद के अंदर जय श्री राम के नारे लगाने के चलते दो व्यक्तियों पर दर्ज हुए FIR को रद्द करते हुए कहा कि इस कृत्य से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंची है.

Written By Satyam Kumar | Published : October 16, 2024 12:06 PM IST

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मस्जिद के अंदर 'जय श्री राम' के नारे लगाने के आरोप में दो लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द करते हुए कहा कि  इस कृत्य से धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंची है (Karnataka High Court Quashes FIR for 'Jai Shri Ram' Slogans in Mosque). साथ ही अदालत ने इस बात पर जोड़ दिया कि उन्होंने सामुदायिक सद्भाव को ध्यान में रखा है. अदालत ने शिकायतकर्ता की बातों का आधार बनाते हुए कहा कि जब वे खुद कह रहे हैं कि हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदाय आपस में सामंजस्य के साथ रह रहे हैं, तो जय श्री राम के नारे लगाने से धार्मिक भावनाएं कैसे आहत होगी. कर्नाटक हाईकोर्ट ने मुकदमे को बरकार रखने के लिए आवश्यक तत्वों की कमी पाते हुए मुकदमे को खारिज करने का आदेश दिया है.

मुकमदे को चलाना कानूनी प्रक्रिया का दुरूपयोग

कर्नाटक हाईकोर्ट ने मस्जिद के अंदर नारे लगाने को लेकर दो व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने का आदेश दिया है. सुनवाई के दौरान जस्टिस एम नागप्रसन्ना की पीठ ने कहा कि यह समझ से बाहर है कि 'जय श्री राम' के नारे लगाने से किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस कैसे पहुंचाई जा सकती है.

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कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा,

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"अगर कोई 'जय श्री राम' का नारा लगाता है, तो ऐसा करना धार्मिक भावना को ठेस नहीं पहुंचाता है, जब शिकायतकर्ता ने खुद कहा कि हिंदू और मुसलमान क्षेत्र में सामंजस्य में रह रहे हैं."

अदालत ने प्राथमिकी रद्द करने के आदेश देते हुए कहा कि लगाए गए आरोपों के लिए आवश्यक तत्व मौजूद नहीं हैं और आगे की कार्यवाही करना कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा.

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क्या है मामला?

शिकायत के अनुसार, यह घटना 24 सितंबर 2023 की रात को हुई, जब कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने ऐटूर गांव में स्थित मस्जिद में प्रवेश किया. घटनास्थल पर लोगों ने 'जय श्री राम' के नारे लगाए और बेरिय समुदाय के लोगों को धमकी दी. मस्जिद के इमाम, नौशाद सखाफी उस्ताद और हैदर अली सीएम ने नारे सुनकर मस्जिद से बाहर आए, जिसके बाद हैदर अली ने सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद अगले दिन शिकायत दर्ज कराई, जिसमें युवाओं को बाइक पर मस्जिद के चारों ओर घूमते हुए देखा गया था.

अदालत ने मुकदमे को जारी रखने के लिए उचित तथ्यों की कमी पाते हुए दोनों व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने का आदेश दिया है.