Advertisement

कोचिंग संस्थानों के झूठे वादों पर कसेगी नकेल, भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ जारी हुआ केन्द्र का नया दिशानिर्देश

चित्र सांकेतिक तौर पर है

केंद्र ने कोचिंग संस्थानों के भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए बुधवार को नये दिशानिर्देश जारी किए है.

Written By My Lord Team | Updated : November 13, 2024 9:33 PM IST

केंद्र ने कोचिंग संस्थानों के भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए बुधवार को नये दिशानिर्देश जारी किए जिनमें शत-प्रतिशत चयन या नौकरी की पूरी गारंटी जैसे झूठे दावों को निषिद्ध किया गया है. केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) द्वारा तैयार अंतिम दिशानिर्देश का मसौदा, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर कई शिकायतें मिलने के मद्देनजर जारी किया गया. सीसीपीए ने अब तक 54 नोटिस जारी किए हैं और करीब 54.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

भ्रामक विज्ञापन पर रोक

उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने PTI से कहा कि हमने पाया है कि कोचिंग संस्थान जानबूझकर अभ्यर्थियों से जानकारी छिपा रहे हैं. इसलिए, हम कोचिंग उद्योग में शामिल लोगों को मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए दिशानिर्देश लेकर आए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार कोचिंग संस्थानों के खिलाफ नहीं है, लेकिन विज्ञापनों की गुणवत्ता से उपभोक्ता अधिकारों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए.

Advertisement

नये दिशानिर्देशों में, कोचिंग संस्थानों को प्रस्तावित पाठ्यक्रमों और अवधि, अध्यापकों से संबंधित दावे, शुल्क संरचना और शुल्क वापसी की नीतियों, परीक्षा में चयन की दर और रैंक, और चयन की गारंटी या वेतन वृद्धि के बारे में झूठे दावे करने से प्रतिबंधित किया गया है.

Also Read

More News

'कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापन की रोकथाम' शीर्षक वाले दिशानिर्देशों में 'कोचिंग' को अकादमिक सहायता, शिक्षा, मार्गदर्शन, अध्ययन कार्यक्रम और ट्यूशन को शामिल करने के लिए परिभाषित किया गया है लेकिन परामर्श, खेल और रचनात्मक गतिविधियों को बाहर रखा गया है. कोचिंग संस्थान सफल अभ्यर्थियों की लिखित सहमति के बिना उनके नाम और तस्वीर या संस्थान की प्रशंसा में उनकी टिप्पणियों का उपयोग नहीं कर सकते। उन्हें अस्वीकरण को प्रमुखता से प्रदर्शित करना चाहिए और पाठ्यक्रमों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा करना चाहिए. खरे ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा के कई अभ्यर्थी प्रारंभिक और मुख्य परीक्षाएं खुद अध्ययन करके ही उत्तीर्ण कर लेते हैं और कोचिंग संस्थानों से केवल साक्षात्कार के लिए मार्गदर्शन लेते हैं. उन्होंने अभ्यर्थियों को यह सलाह दी कि वे इस बात की जांच कर लें कि सफल अभ्यर्थियों ने असल में किस पाठ्यक्रम में दाखिला लिया था.

Advertisement

(खबर PTI इनपुट के आधार पर है)