‘CBI राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर ज्यादा फोकस करें’, CJI DY Chandrachud ने जांच एजेंसी के स्थापना दिवस पर की टिप्पणी, जानें पूरा वाक्या
CJI on Investigating Agency CBI: देश के CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने सीबीआई की स्थापना समारोह में जांच एजेंसी के कार्यों को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. CJI ने जांच एजेंसी के कार्यों एवं उद्देश्य की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा, देश की जांच एजेंसियों को राष्ट्रीय सुरक्षा एवं देश विरोधी अपराधों जैसे आर्थिक अपराध पर ज्यादा केन्द्रित रहना चाहिए. आजकल CBI भ्रष्टाचार मामलों की जांच में ज्यादा शामिल है. कानूनी प्रोफेशन के लिए भले ही यह अच्छा मौका हो, लेकिन कोर्ट ने अपने फैसलों से इस संस्था को हमेशा ही मजबूती देने का काम किया है. सीजेआई ने ये बातें देश की सर्वश्रेष्ठ जांच एजेंसी CBI की स्थापना दिवस के अवसर पर कहीं. CJI डीवाई चंद्रचूड़ 20वां डीपी कोहली मेमोरियल व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किए गए थे. व्याख्यान का विषय था एडॉप्टिंग एडवांस टेक्नोलॉजी क्रिमिनल जस्टिस. CJI ने अपने व्याख्यान के दौरान सीबीआई के पहले डायरेक्टर डीपी कोहली, सीबीआई जांच में आधुनिक तकनीक लाने के बारे में भी कहा. आइये जानते हैं कि CJI डीवीई चंद्रचूड़ ने अपने स्पीच मे क्या कुछ कहा.
CBI के पहले निदेशक DP Kohli
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने भाषण की शुरूआत CBI के पहले निदेशक डीपी कोहली के कार्यों की प्रशंसा करते हुए की.
CJI ने कहा,
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“श्री कोहली को पब्लिक ऑफिसियल के बीच व्याप्त भ्रष्टाचार की प्रवृति पर अंकुश लगाने के लिए चुना गया था. उनके ही विश्वास से CBI देश की प्रीमियर जांच एजेंसी के रूप में तब्दील हुई. साल 1963 में CBI के स्थापना के पांच दशक बीत जाने के बाद भी हम डीपी कोहली को याद कर रहें हैं. यह उनके समर्पण और प्रोफेशनलिज्म को दर्शाता है.”
लंबित CBI मामलों पर जताई चिंता
CJI ने जांच एजेंसी को अपने केसों का निपटारा करने पर भी ध्यान दिलाया. CBI अपनी जांच एवं केसों को पूरा करने पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान दें.
CJI ने कहा,
“आरोपियों पर गंभीर अपराध करने के आरोप लगाए जाते हैं. जिसके चलते उन्हें लंबे समय तक जेल में रहना होता है. सीबीआई के लंबित मामलों का निदान करने के लिए बहुआयामी रणनीति बनाने की जरूरत हैं. जिससे मामले का लंबित होना आरोपियों के लिए सजा न बना जाएं.”
जांच के दौरान प्राइवेसी का रखें ध्यान
CJI ने प्राइवेसी अधिकारों का जिक्र करते हुए कहा कि जांच के दौरान आरोपियों के पर्सनल डिवाइस (मोबाइल) जब्त करने एवं उनकी प्राइवेसी का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. आधुनिक तकनीक अपराध करने और जांच करने के तरीकों में काफी बदलाव ला रहा है. बदलते तकनीकों के अनुसार, देश में जांच के फ्रेमवर्क में बदलाव लाने की जरूरत है.