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क्या अस्पताल में 'Expired' IV Fluid इंजेक्ट करने से हुई महिला की मौत? CBI जांच की मांग को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में PIL

कलकत्ता हाईकोर्ट

सरकारी अस्पताल में एक्सपायर आईवी फ्लूड इंजेक्ट कनरे की वजह से महिला की मौत मामले में CBI जांच की मांग को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है.

Written By Satyam Kumar | Published : January 13, 2025 3:24 PM IST

आज कलकत्ता हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है, जिसमें पश्चिम बंगाल के एक सरकारी अस्पताल में एक्सपायर इंट्रावेनस फ्लूइड (Experierd IV Fluid) लगाने के चलते एक महिला की मौत से जुड़ा है. जनहित याचिका में महिला की मौत के असल वजह जानने के लिए CBI जांच की मांग की गई है.

कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम के याचिका को सूचीबद्ध करने की मांग की गई,  इस दौरान पीठ दो सदस्यीय पीठ में शामिल जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य भी शामिल थे, कहा कि यह मामला गुरुवार को सुनवाई के लिए लिया जाएगा. चीफ जस्टिस ने रजिस्ट्रार को निर्देश दिया कि वे एडवोकेट जनरल को इस याचिका के प्रति अगाह कर दें, जिससे सुनवाई के दौरान राज्य का प्रतिनिधित्व किया जा सके.

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याचिकाकर्ता ने अदालत के समक्ष एक विशेष जांच दल (SIT) के गठन की मांग की है जिससे मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में संदिग्ध रूप से प्रदूषित या expired इंट्रावेनस फ्लूइड के उपयोग की जांच की जा सके. याचिका में दावा किया गया कि इंट्रावेनस फ्लूइड की आपूर्ति करने वाली कंपनी को मार्च 2024 में एक अन्य राज्य सरकार द्वारा 'रेड फ्लैग' किया गया था और उसे तीन वर्षों के लिए दवा की आपूर्ति करने से प्रतिबंधित कर दिया गया था.

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याचिकाकर्ता ने न्यायालय से अपील किया है  कि मामले की जांच को पश्चिम बंगाल पुलिस से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को स्थानांतरित किया जाए ताकि निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके.

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क्या है मामला?

रविवार की रात को चार में से तीन महिलाओं को कोलकाता लाया गया और आगे के उपचार के लिए सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया. मृतक के परिवार के सदस्यों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन उसकी मृत्यु के लिए जिम्मेदार है. महिला की मृत्यु और चार अन्य महिलाओं के गंभीर रूप से बीमार होने की घटना ने स्वास्थ्य विभाग को जांच का आदेश देने के लिए मजबूर कर दिया. राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए 13 सदस्यीय पैनल का गठन किया है.