Calcutta HC के आदेश पर IIT Kharagpur के छात्र के शव का दूसरी बार हुआ पोस्टमार्टम, ‘हत्या’ का मिला संकेत
कोलकाता: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर के एक छात्र के शव का दूसरी बार पोस्टमार्टम करने से यह संकेत मिला है कि उसकी मृत्यु संभवत: उसके सिर के पिछले हिस्से पर चोट लगने के कारण हुई है. समाचेर एजेंसी भाषा के अनुसार, दूसरी बार पोस्टमार्टम करने के लिए छात्र के शव को कब्र से खोदकर निकाला गया.
कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर फैजान अहमद के शव को कब्र से खोदकर निकाला गया और दूसरी बार पोस्टमार्टम में यह जानकर आश्चर्य हुआ कि अहमद के सिर के पिछले हिस्से में चोट के निशान का जिक्र नहीं किया गया था.
पिता ने की थी SIT जांच की मांग
तीसरे वर्ष के छात्र के पिता ने अपने बेटे की मौत की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन को लेकर उच्च न्यायालय का रुख किया था. अहमद का शव 14 अक्टूबर, 2022 को उसके छात्रावास के कमरे में मिला था. दूसरी बार 27 मई को शव का पोस्टमार्टम करने वाले फॉरेंसिक विशेषज्ञ ने अपनी रिपोर्ट में कहा था, 23 वर्षीय फैजान की मौत अत्यधिक रक्तस्राव होने और सीने एवं सिर पर इसका संयुक्त प्रभाव पड़ने के कारण हुई थी.’’
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रिपोर्ट के अनुसार, फैजान को मृत्यु से पहले चोट आई थी जिससे हत्या की आशंका है.’’ पहले पोस्टमार्टम में इस अहम पहलू को शामिल नहीं किए जाने को लेकर आश्चर्य जाहिर करते हुए न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने मंगलवार को केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल), राजरहाट के निदेशक को उन परिस्थितियों की जांच का निर्देश दिया जिसकी वजह से यह अहम तथ्य छूट गया.
अदालत ने कहा कि ऐसे गंभीर सवाल हैं जिन्हें पुलिस और जांच अधिकारी द्वारा हल किए जाने की जरूरत है.’’ यह मामला अब संभावित हत्या का प्रतीत होता है.
न्यायमूर्ति मंथा ने निर्देश दिया कि जांच अधिकारी प्राथमिकी में अतिरिक्त धाराएं जोड़ने और अन्य व्यक्तियों को आरोपी के तौर पर शामिल करने के लिए स्वतंत्र हैं और 14 जून को अगली सुनवाई के दिन रिपोर्ट दाखिल किया जाए.
अदालत ने कोलकाता पुलिस को फैजान के शव को वापस असम के डिब्रूगढ़ ले जाने की व्यवस्था करने और अंतिम संस्कार के लिए परिवार के सदस्यों को सौंपने का निर्देश दिया. छात्र डिब्रूगढ़ का निवासी था और उसे वहीं दफनाया गया था.
न्यायमूर्ति मंथा ने 25 अप्रैल को फैजान की मौत के संभावित कारणों पर राय जानने के लिए अदालत द्वारा नियुक्त फोरेंसिक विशेषज्ञ डॉ अजय कुमार गुप्ता को चिकित्सकों की मौजूदगी में दूसरा पोस्टमॉर्टम करने का निर्देश दिया था, जिन्होंने पिछला अंत्यपरीक्षण किया था.
राज्य के सीआईडी (अपराध जांच विभाग) के एक सेवानिवृत्त फोरेंसिक विशेषज्ञ गुप्ता ने अदालत के समक्ष दायर एक प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा था कि पीड़ित के सिर के पिछले हिस्से पर चोट के दो निशानों का उल्लेख पहली पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में नहीं किया गया था.