बूंदी शाही परिवार संपत्ति मामला: राजस्थान की जिला अदालत ने कांग्रेस नेता भंवर जितेंद्र सिंह को दी राहत
कोटा (राजस्थान): कांग्रेस नेता भंवर जितेंद्र सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाज़ी मामले में जारी गिरफ्तारी वारंट को बृहस्पतिवार को ज़मानती वारंट में बदल दिया. न्यूज़ एजेंसी भाषा के अनुसार, राजस्थान की एक जिला अदालत ने भंवर जितेंद्र सिंह और अन्य के खिलाफ जाली ट्रस्ट डीड के जरिए भूतपूर्व बूंदी शाही परिवार की संपत्ति कथित रूप से हथियाने के मामले में वारंट जारी किया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, बूंदी में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) अदालत ने भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code- IPC) की धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश समेत अन्य अपराधों से संबंधित धाराओं के तहत दर्ज मामले का संज्ञान लेते हुए 18 नवंबर 2021 को पूर्व केंद्रीय मंत्री, उनके ससुर बिजेंद्र सिंह और पूर्व बूंदी जिला प्रमुख श्रीनाथ सिंह हाडा के खिलाफ वारंट जारी करने का आदेश दिया था.
गौरतलब है कि श्रीनाथ सिंह हाडा का निधन हो चुका है. सीजेएम की अदालत ने तीनों को गिरफ्तार कर छह जनवरी 2022 तक पेश करने का आदेश दिया था.
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कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह ने जिला न्यायाधीश की अदालत का रुख किया था और वारंट के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका दायर की थी.
लोक अभियोजक योगेश यादव ने भाषा को बताया कि जिला अदालत ने कांग्रेस नेता की याचिका को आंशिक रूप से विचारार्थ स्वीकार कर लिया और वारंट को जमानती वारंट में बदल दिया .
योगेश यादव ने कहा कि अदालत ने सीजेएम की अदालत की ओर से मामले का संज्ञान लेने को सही ठहराया है.
बूंदी राजवंश
राजपूताने का प्राचीन राजवंश है बूंदी जिसकी स्थापना 1242 में महाराव देवा हाड़ा ने की थी. इतिहासकारों के अनुसार, राजपूताने के चौहान वंश के हाड़ा कुल की प्रथम रियासत है. नए महाराव राजा वंशवर्धन सिंह का जन्म कापरेन ठिकाने के महाराजधिराज बलभद्र सिंह हाड़ा के घर 8 जनवरी 1987 को हुआ था.
बूंदी राजवंश में कई प्रतापी शासक पैदा हुए जिन्होंने अपने वंश के मान- मर्यादा को काफी प्रसिद्धि दिलाई.