Advertisement

व्यापारी के बेटे के अपहरण के मामले में बुलंदशहर की अदालत ने दी आठ लोगों को उम्रकैद की सजा

Abduction

अपहरण में इस्तेमाल की गई कार के चालक को पुलिस ने दिल्ली में पकड़ा था और उसकी निशानदेही पर गौरव को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ा लिया गया था.

Written By My Lord Team | Published : May 16, 2023 11:28 AM IST

बुलंदशहर (उप्र): एक टाइल्स व्यापारी के बेटे के अपहरण के मामले में, बुलंदशहर की एक अदालत ने आठ लोगों को उम्र कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है. सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता कुश कुमार ने मंगलवार को बताया कि कोतवाली नगर इलाके के अमरमाया कॉलोनी निवासी टाइल्स व्यापारी विजय सिंह का बेटा गौरव एक फरवरी 2021 की सुबह दुकान जाने के लिए अपने घर से निकला था और इस दौरान कार सवार कुछ लोगों ने उसका अपहरण कर लिया था.

न्यूज़ एजेंसी भाषा के अनुसार, अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सोमवार को सभी आठ आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद और 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई.

Advertisement

पड़ोसी ने रची थी अपहरण की साजिश

अधिवक्ता कुश कुमार ने न्यायालय को बताया कि अपहरण में इस्तेमाल की गई कार के चालक को पुलिस ने दिल्ली में पकड़ा था और उसकी निशानदेही पर गौरव को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ा लिया गया था.

Also Read

More News

कुमार के अनुसार पुलिस ने मौके से कालू और उसकी पत्नी अन्नू, राजकुमार और उसकी पत्नी कोमल और बेटे भारत, देवेंद्र और इकबाल समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया था.

Advertisement

एक आरोपी तेजवीर भागने में कामयाब रहा जिसे बाद में पकड़ लिया गया. कुमार ने बताया कि गौरव के घर के सामने रहने वाले राजकुमार ने उसके अपहरण की साजिश रची थी.

अधिवक्ता के अनुसार राजकुमार लूट और हत्या की कोशिश आदि मामलों में पांच बार जेल जा चुका है और वह शुभचिंतक बनकर गौरव के पास आता-जाता था.

अपहरण किसे कहते हैं ?

इसे भारतीय दंड संहिता की धारा 362 में परिभाषित किया गया है, जिसके अनुसार किसी भी व्यक्ति को धोखा देकर या बलपूर्वक कहीं और ले जाना अपहरण (Abduction) कहलाता है.

सजा

जो लोग नाबालिग का अपरहण करके उनसे ज़बरदस्ती या उनका इस्तेमाल करके भीख मंगवाते हैं तो ऐसे लोग कानून के नजर में दोषी माने जाएंगे जिसके लिए उन्हे भारतीय दंड संहिता की धारा 363(A) के तहत दस साल तक की कैद के साथ-साथ जुर्माने से दंडित किया जा सकता है.

लेकिन, अगर कोई व्यक्ति नाबालिग से भीख मंगवाने के उद्देश्य से उसका व्यपहरण (Kidnapping) करता है और विकलांग बना देते हैं तो ऐसे लोगों आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा हो सकती है.

भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code- IPC) 1860 के अन्य धाराओं के तहत अपहरण से संबंधित और भी कई अपराध और सजा का प्रावधान किया गया है.