रिश्वत मामले में आरोपी लिपिक की मौत के बाद केस बंद, शिकायतकर्ता को नए नोट देने का आदेश
इंदौर (मध्यप्रदेश): इंदौर की जिला अदालत ने 2,000 रुपये की रिश्वत लेने के आरोपी लिपिक की मौत के बाद उसके खिलाफ मामला खत्म कर दिया है. इसके साथ ही, लोकायुक्त पुलिस को आदेश दिया है कि वह 500-500 रुपये के उन चार बंद नोटों को भारतीय रिजर्व बैंक से बदलवाकर शिकायतकर्ता को लौटाए जिनका इस्तेमाल जाल बिछाकर इस लिपिक को रंगे हाथों पकड़वाने में किया गया था.
समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, अभियोजन से जुड़े एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि लोकायुक्त पुलिस ने चार जनवरी 2016 को इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) के लिपिक मनीष शर्मा को एक भूखंड का पट्टा लेख देने के बदले स्थानीय नागरिक हेमराज जारवाल से 2,000 रुपये की कथित रिश्वत लेते पकड़ा था.
सुनवाई के दौरान शर्मा की मौत
उन्होंने बताया कि जारवाल की शिकायत पर जाल बिछाकर पकड़े गए शर्मा को उस वक्त 500-500 रुपये के उन चार नोटों में कथित रिश्वत दी गई जिन्हें सरकार ने आठ नवंबर 2016 को बंद कर दिया था.
Also Read
- कानून का पालन करने में Police चुकी... रिश्वतखोरी मामले में DMK MLA के खिलाफ दर्ज मुकदमा रद्द करते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने कहा
- रिश्वत मांगने के आरोपी जज की मुश्किलें बढ़ी, Bombay HC ने जमानत देने से किया इंकार
- Bribery Case: मद्रास हाईकोर्ट ने ED Officer की जमानत याचिका खारिज की, रिश्वत लेने के आरोप में तमिलनाडु DVAC ने किया था गिरफ्तार
अधिकारी ने बताया कि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दर्ज मामले की सुनवाई के दौरान शर्मा की नौ जनवरी 2023 को मौत हो गई थी और अभियोजन ने उनका मृत्यु प्रमाणपत्र एक विशेष न्यायाधीश के सामने 30 जून को पेश किया.
अदालत ने इस प्रमाणपत्र के आधार पर शर्मा के खिलाफ प्रकरण की कार्यवाही समाप्त कर दी और लोकायुक्त पुलिस को आदेश दिया कि वह 500-500 रुपये के चार बंद नोटों को रिजर्व बैंक की संबंधित शाखा में जमा कराए और इसके बदले मिलने वाली राशि शिकायतकर्ता जारवाल को लौटाई जाए.