दिनदहाड़े अधिवक्ता की निर्मम हत्या के बाद राजस्थान में न्यायिक कार्य बहिष्कार
नई दिल्ली: राजस्थान के जोधपुर शहर में शनिवार शाम हुई दिनदहाड़े एक अधिवक्ता की निर्मम हत्या के विरोध में, प्रदेश के अधिकांश हिस्सो में न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया है. जिसके चलते राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जोधपुर और जयपुर के साथ ही राज्य की अधिकांश अदालतों में सोमवार को न्यायिक कार्य नहीं हुआ.
अधिवक्ता की हत्या को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर बार और जयपुर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने भी अपना आक्रोश जताया है.
मृतक अधिवक्ता जुगराज चौहान की शनिवार की शाम उस समय हत्या कर दी गई, जब वे अपने घर के लिए रास्ते में थे. इस हत्या की वजह फिलहाल आपसी रंजिश बताई जा रही है. इस मामले में दो आरोपियों को जोधपुर पुलिस द्वारा गिरफतार किया गया है.
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दिनदहाड़े हत्या
कहा जा रहा है कि हत्या के आरोपियों और मृतक अधिवक्ता के बीच एक जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद था. इसी रंजीश के चलते आरोपियों द्वारा अधिवक्ता की हत्या करने की बात कही जा रही है.मृतक अधिवक्ता के पुत्र की भी दो वर्ष पूर्व मृत्यु हो चुकी है.
अधिवक्ताओं में इस बात को लेकर भी आक्रोश है कि मृतक अधिवक्ता की हत्या एक ऐसी सड़क पर की गई है जो बेहद व्यस्त रहती है.
मृतक की हत्या से जुड़ा एक वीडियो भी सोशलमीडिया पर वायरल हुआ जिसमें एक व्यस्त सड़क पर उस पर चाकू से हमला किया गया. चाकू से हमले के बाद पत्थर से सिर कुचलकर मौत के घाट उतारने का आरोप है.
राजस्थान में अधिवक्तओं की सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर है. हाई कोर्ट राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब कर चुका है.
हत्या के विरोध में धरना
हत्या के विरोध में जयपुर हाईकोर्ट में गांधी प्रतिमा स्थल पर अधिवक्ताओं की ओर से धरना भी दिया गया. राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर के सदस्य सुनील शर्मा सहित कई अधिवक्ताओं ने धरना देते हुए अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए राज्य में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की है.
50 लाख के मुआवजे की मांग
राजस्थान हाईकोर्ट लॉयर्स एसोसिएशन ने इस मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री से मृतक के परिजनों को 50 लाख मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है.
एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि भंसाली ने इस बारे में माई-लार्ड टीम से बात करते हुए बताया कि मृतक अधिवक्ता के परिवार की आर्थिक स्थिती कमजोर है इसलिए उन्होने मुख्यमंत्री से मुआवजा और एक सदस्य को नौकदी देने की मांग की हैं.
एसोसिएशन ने पीड़ित परिवार को पुलिस सुरक्षा और मामले की सुनवाई फास्टट्रेक कोर्ट में किए जाने की भी मांग की हैं.
गौरतलब है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी जोधपुर से आते है और यह उनका गृहक्षेत्र भी है. अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री के साथ साथ गृहमंत्री की भी जिम्मेदारी रखते है.
पहले से ही नामजद
हत्या के लिए आरोपियों ने पहले एडवोकेट को फोन कर शहर के एक क्षेत्र में बुलाया और फिर वहां पहुंचने पर पहले से घात लगाकर बैठे आरोपियों ने चाकु से हत्या कर दी.
जिन आरोपियों पर मृतक अधिवक्ता जुगराज की हत्या का आरोप है वे मृतक अधिवक्ता के पुत्र की हत्या के मामले में भी नामजद आरोपी है. मृतक अधिवक्ता के पुत्र की तीन वर्ष पहले एक्सीडेंट में मौत हो गई थी, जिसमें अनिल और मुकेश नामजद आरोपी है.