साईंबाबा ट्रस्ट को मिलने वाले 'गुप्त दान' पर इनकम टैक्स लगेगा या नहीं? जानिए मामला जब पहुंचा Bombay HC तो क्या हुआ?
धार्मिक संस्थानों की आय पर 'टैक्स लगाना' हमेशा से ही चर्चा का विषय रहा है. टैक्स लगाया जाए या नहीं? यह अपने आप ही एक विवाद बन जाता है, जबकि देश के हर नागरिक को बखूबी जानते हैं कि टैक्स से मिले पैसे का एक-एक पाई पब्लिक वेलफेयर और उसमें लगे सरकारी अधिकारियों के लिए खर्च होता है.
साईंबाबा ट्रस्ट के गुमनाम दान पर टैक्स लगेगा या नहीं?
ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें आयकर विभाग (IT Department) ने शिरडी साईंबाबा ट्रस्ट को मिलने वाली गुप्त दान के पैसे पर टैक्स लगाने की मांग की. गुप्तदान या गुमनाम दान उसे कहा जा सकता है जिसमें भक्तों की असल पहचान ना हो. आयकर विभाग ने आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) के फैसले को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है. आईटी ट्रिब्यूनल ने भी गुमनाम दान को टैक्स के अंतर्गत लाने से इंकार कर दिया था. फैसले में कहा गया था कि चूंकि ट्रस्ट एक धर्मार्थ और धार्मिक निकाय है, इसलिए यह अपने गुमनाम दान पर आयकर से छूट के लिए पात्र है.
धार्मिक और धर्मार्थ दोनों है साईं ट्रस्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस गिरीश कुलकर्णी और जस्टिस सोमशेखर सुंदरेसन की खंडपीठ ने आईटी विभाग की अपील याचिका पर सुनवाई की. अदालत ने कहा कि साईं ट्रस्ट धार्मिक और धर्मार्थ निकाय है इसलिए वह आयकर में छूट पाने का अधिकार रखता है. अदालत ने आगे कहा कि संस्था द्वारा प्राप्त कोई भी गुप्त दान टैक्स से छूट के लाभ के लिए हकदार होगा.
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शिरडी साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट महाराष्ट्र के अहिल्यानगर जिले में बसे श्रीसाईंबाबा के समाधि स्थल और इसके परिसर में स्थित मंदिरों का प्रशासनिक निकाय हैं. श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट, महाराष्ट्र के शिरडी स्थित प्रसिद्ध मंदिर का प्रबंधन करता है.