Advertisement

WhatsApp Status लगाते समय जिम्मेदारी की भावना जरूरी है: Bombay High Court

Bombay High Court

व्हाट्सऐप स्टेटस से जुड़े एक मामले पर सुनवाई के दौरान बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने यह टिप्पणी की है कि कोई भी यदि व्हाट्सऐप स्टेटस लगाता है या लोगों से संपर्क करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता है तो उसमें जिम्मेदारी की भावना जरूर होनी चाहिए..

Written By Ananya Srivastava | Updated : July 25, 2023 11:20 AM IST

मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) की नागपुर पीठ (Nagpur Bench) ने एक धार्मिक समूह के खिलाफ कथित तौर पर नफरत फैलाने वाली सामग्री पोस्ट करने के आरोपी के विरूद्ध प्राथमिकी रद्द करने से इनकार करते हुए कहा है कि व्हाट्सऐप स्टेटस (WhatsApp Status) के माध्यम से दूसरों तक कुछ संदेश पहुंचाते समय जिम्मेदारी की भावना से व्यवहार करना चाहिए।

न्यायमूर्ति विनय जोशी और न्यायमूर्ति वाल्मिकी एसए मेनेजिस की खंडपीठ ने 12 जुलाई को अपने आदेश में कहा कि आजकल व्हाट्सऐप स्टेटस का उद्देश्य अपने परिचितों को कुछ चीजों से अवगत कराना होता है और लोग अक्सर अपने परिचितों का व्हाट्सऐप स्टेटस देखते हैं।

Advertisement

किशोर लांडकर (27) नामक व्यक्ति के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर आहत करने से संबंधित भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धाराओं, अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम (The Scheduled Castes and Scheduled Tribes Act) और सूचना प्रौद्योगकी अधिनियम (IT Act) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

Also Read

More News

लांडकर ने प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया।

Advertisement

अदालत ने कही ये बात

अदालत ने कहा, “व्हाट्सऐप स्टेटस...आप क्या कर रहे हैं, क्या सोच रहे हैं या आपने जो कुछ देखा है उसकी तस्वीर या वीडियो हो सकता है। यह 24 घंटे के बाद हट जाता है। व्हाट्सऐप स्टेटस का उद्देश्य किसी व्यक्ति द्वारा परिचितों तक कुछ बात पहुंचाना होता है। यह और कुछ नहीं, बल्कि परिचित व्यक्तियों से संपर्क का एक तरीका है। दूसरों को कोई बात बताते समय जिम्मेदारी की भावना से व्यवहार करना चाहिए।”

शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा था कि मार्च 2023 में आरोपी ने अपना व्हाट्सऐप स्टेटस अपलोड किया, जिसमें उसने एक प्रश्न लिखा और स्टेटस देखने वालों से चौंकाने वाले परिणाम जानने के लिए गूगल पर इसे (प्रश्न को) सर्च’ करने को कहा।

शिकायत में कहा गया है कि जब शिकायतकर्ता ने सवाल को गूगल पर सर्च’ किया, तो उसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली आपत्तिजनक सामग्री नजर आई।