Bombay High Court ने commercial और criminal मामलों में ई-फाइलिंग किया अनिवार्य
नई दिल्ली: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए सूचीबद्ध होने वाले मुकदमों की e-filing को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया है.
बॉम्बे हाईकोर्ट को पूर्णतया कागजरहित बनाने के लिए अब commercial और criminal मामलों में ई-फाइलिंग को अनिवार्य कर दिया गया है. यानी कि अब आपराधिक और वाणिज्यिक मामलों में याचिका दायर करने के लिएe-filing सिस्टम के जरिए ही फाइल की जा सकेगी.
e-filing अनिवार्य
Bombay High Court के रजिट्रार जनरल ने पिछले एक माह में e-filing को लेकर दो सर्कुलर जारी कर चुके है.
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15 दिसंबर के सर्कुलर के जरिए रजिस्ट्रार जनरल ने सभी अधिवक्ताओं और पक्षकारों को सूचित किया था कि नए वर्ष में 2 जनवरी से वाणिज्यिक मामलो, प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष कर से जुड़े मुकदमों और गैर-वाणिज्यिक मध्यस्थता के मुकदमों के लिए e-filing को अनिवार्य किया गया है.
हाईकोर्ट रजिस्ट्रार ने 30 दिसंबर को e-filing से जुड़ा दूसरा नोटिफिकेशन जारी करते हुए 10 प्रकार के मुकदमों में e-filing को अनिवार्य करने की जानकारी दी.
9 जनवरी से इन मामलों में भी
हाईकोर्ट की सूचना के अनुसार 9 जनवरी 2023 से हाईकोर्ट में दायर की जाने वाली आपराधिक रिट याचिका Criminal Writ Petition, 482 के तहत दायर अपील, अपराधिक रिट याचिका, क्रिमिनल अपील फॉर लीव, क्रिमिनल एएलपी, क्रिमिनल निगरानी याचिका Criminal Revision, दूसरी अपील, विविध अपराधिक याचिका Miscellaneous Civil Application, Arbitration Petition और अवमानना याचिका Contempt Petition के लिए e-filing को अनिवार्य कर दिया गया है.
हाईकोर्ट के अनुसार इन सभी कैटेगरी में दायर किए जाने वाले नए मुकदमों में सभी प्रतिक्रियाएं, जवाब, प्रत्युतर, दस्तावेज और अन्य आवेदन या प्रार्थना पत्र e-filing के जरिए ही किए जाऐंगे.