नाबालिग लड़की के साथ Rape के आरोपी को मिली जमानत, Bombay High Court ने ये भी कहा
बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने नाबालिग लड़की के साथ रेप (Rape) के आरोपी को जमानत (Bail) दी. मामले में आरोपी नाबालिग लड़की के साथ भाग गया था. लेकिन जब वह गर्भवती हो गई तो उसे छोड़ दिया और दूसरी लड़की के साथ भाग गया. हाईकोर्ट ने पुणे में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत एक विशेष अदालत को पीड़िता का बयान जल्द से जल्द दर्ज करने का भी निर्देश दिया. जस्टिस एमएस कार्णिक की सिंगल बेंच आरोपी म्हालारी गवली (24) की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे कोल्हापुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
क्या है पूरा मामला?
20 मार्च, 2021 को नाबालिग लड़की को शादी का वादा कर आरोपी अपने साथ भगाकर ले गया था जिसे उन्होंने निभाया. उस वक्त नाबालिग लड़की की उम्र 17 साल और 8 महीने थी. ये जोड़ा दिसंबर 2021 तक साथ भी रहा. हालांकि, नाबालिग पीड़िता के गर्भवती होने के बाद आरोपी किसी अन्य लड़की के साथ भाग गया.
Also Read
- रेप पीड़िता का ये अधिकार, इसमें किसी की मनमर्जी नहीं चलेगी.. अर्बाशन से जुड़े मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट की अहम टिप्पणी
- चौंकाने वाला मामला.. बेटी से दुष्कर्म करने के आरोपी पूर्व जज को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, FIR रद्द करने से किया इंकार
- 'शादी का वादा कर शारीरिक संबंध बनाया, यह दावा शादीशुदा महिला कैसे कर सकती है?', इस रेप केस को सुन Supreme Court भी हैरान, जानें पूरा मामला
गवली की ओर से पेश वकील कनिष्क और शुभम म्हात्रे ने अदालत के समक्ष कहा कि पीड़िता स्वेच्छा से इतने लंबे समय तक आरोपी के साथ रही और उसे रिश्ते के लिए मजबूर नहीं किया गया था. उन्होंने यह भी कहा कि रोमांटिक संबंध, जो विवाह में परिणत हुआ, को अपराध नहीं बनाया जाना चाहिए.
हालांकि, अभियोजन पक्ष ने इस आधार पर जमानत याचिका का विरोध किया कि घटना के समय पीड़िता नाबालिग थी और इसलिए, उसकी सहमति महत्वहीन थी. पीड़िता 2021 में बालिग होने के बाद भी दिसंबर 2021 तक आरोपी के साथ रही.
सुनवाई में जस्टिस कार्णिक ने कहा कि गवली को विचाराधीन कैदी के रूप में 1 साल 7 महीने की अवधि के लिए जेल में रखा गया था. मुकदमे को ख़त्म होने में लंबा समय लगने की संभावना है. मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए आगे की हिरासत का मतलब केवल सुनवाई-पूर्व सज़ा होगी. दोषी पाए जाने पर आरोपी को सुनवाई के बाद परिणाम भुगतने होंगे. जांच पूरी हो गई है और आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है. वर्तमान मामले के तथ्यों और परिस्थितियों में, आरोपी को कुछ कड़ी शर्तें लगाकर जमानत पर रिहा किया जा सकता है.
इसके बाद उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के विशेष न्यायाधीश को पीड़िता के बयान जल्द से जल्द दर्ज करने का निर्देश दिया और गवली को जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया. अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि जांच अधिकारी को रिपोर्ट करने के उद्देश्य को छोड़कर, गवली जमानत पर रिहा होने के बाद और मुकदमा समाप्त होने तक हटकनंगले पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में प्रवेश नहीं करेगा.