ममता कुलकर्णी के खिलाफ Prima Facie मामला नहीं बनता, कह बॉम्बे हाईकोर्ट ने Drug Case का मुकदमा किया खारिज
बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने अभिनेत्री पर हुए ड्रग्स केस को खारिज कर दिया. जजमेंट कॉपी में उच्च न्यायालय ने कहा कि रिकार्ड पर रखे गए सबूत के अनुसार आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टतया मामला बनता नहीं दिखाई पड़ता है, मामले को जारी रखना तुच्छ और अदालत की प्रक्रिया का दुरूपयोग होगा. बॉम्बे हाईकोर्ट ने 22 जुलाई के दिन ये फैसला सुनाया था. फैसले की जजमेंट कॉपी आज(बुधवार) को जारी हुई है.
ममता कुलकर्णी के खिलाफ प्रथम दृष्टतया मामला नहीं बनता, बॉम्बे HC ने FIR खारिज करने की दी इजाजत
बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस भारती डांगरे और जस्टिस मंजूषा देशपांडे की पीठ ने ममता कुलकर्णी के खिलाफ केस के मामले को सुना. अदालत ने रिकार्ड पर रखे गए मैटेरियल पर गौर करते हुए कहा कि आरोपी के खिलाफ कोई प्रथम दृष्टतया मामला नहीं बनता है.
अदालत ने कहा,
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"याचिकाकर्ता (ममता कुलकर्णी) के खिलाफ अभियोजन जारी रखना अदालत की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने जैसा होगा."
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 22 जुलाई को कुलकर्णी के खिलाफ मामला खारिज करने के आदेश दिए थे. जजमेंट कॉपी आज ( बुधवार) के दिन जारी की गई. अदालत ने फैसले में यह भी कहा कि यह एफआईआर (FIR) को रद्द करने के लिए वह अपनी अंतर्निहित शक्तियों का प्रयोग करने का एक उपयुक्त मामला पाती है क्योंकि इसमें आगे की कार्यवाही ' तुच्छ और परेशान करने वाली' होगी.
पूरा मामला क्या है?
साल 2016 में बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने ठाणे पुलिस द्वारा नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (NDPS Act) के विभिन्न प्रावधानों के तहत उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर (FIR) को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. अभिनेत्री ने दावा किया कि उसे इस मामले में फंसाया गया क्योंकि वह एक आरोपी विक्की गोस्वामी से परिचित थी.
अप्रैल 2016 में, पुलिस ने एक किलोग्राम एफेड्रिन, एक मादक पदार्थ के कथित कब्जे के लिए दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया. शुरूआती जांच के बाद पुलिस ने ममता कुलकर्णी सहित अन्य दस और लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. पुलिस के अनुसार, कुलकर्णी और गोस्वामी सहित अन्य आरोपियों ने मादक पदार्थों की बिक्री और खरीद के लिए जनवरी 2016 में केन्या के एक होटल में बैठक की थी. आरोप पत्र में गवाहों के बयानों और अन्य सबूतों को देखने के बाद, हाईकोर्ट ने नोट किया कि कथित साजिश की बैठक केन्या के होटल के डाइनिंग हॉल में हुई थी और कुलकर्णी डाइनिंग टेबल के बगल में एक सोफे पर बैठी थी. अदालत ने कहा कि आरोप पत्र में प्रस्तुत सामग्री एनडीपीएस अधिनियम (NDPS Act) के तहत कुलकर्णी के खिलाफ मामले की कार्यवाही जारी रखने का औचित्य नहीं है.