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BJP का विज्ञापन TMC के लिए अपमानजनक? बताते हुए SC ने याचिका सुनने से किया इंकार

सांकेतिक चित्र

सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी के विज्ञापन को आपत्तिजनक पाते हुए उसकी याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया है. बता दें कि बीजेपी के विज्ञापनों को कलकत्ता हाईकोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के खिलाफ अपमानजनक व आपत्तिजनक पाते हुए 4 जून तक रोक लगाई है.

Written By Satyam Kumar | Updated : May 27, 2024 1:29 PM IST

BJP Advertisement: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपने विज्ञापनों के प्रसारण पर लगी रोक को हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी के विज्ञापन को आपत्तिजनक पाते हुए उसकी याचिका पर सुनवाई करने से इंकार किया है. बता दें कि बीजेपी के विज्ञापनों को कलकत्ता हाईकोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के खिलाफ अपमानजनक व आपत्तिजनक पाते हुए 4 जून तक रोक लगाई है.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट में, जस्टिस महेश्वरी और जस्टिस केवी विश्वनाथन की अदालत के सामने बीजेपी की याचिका रखी गई. अदालत ने बीजेपी की याचिका पर सुनवाई करने से इंकार किया है.

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अदालत ने बताया,

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"प्रथम दृष्टया ही विज्ञापन अपमानजनक हैं. हम और अधिक कटुता को बढ़ावा नहीं दे सकते, बेशक आप खुद को बढ़ावा दे सकते हैं."

सुप्रीम कोर्ट ने भी बीजेपी के विज्ञापनों को प्रतिद्वंदी पार्टी के खिलाफ आपत्तिजनक पाया है.

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अदालत में याचिकाकर्ता की ओर से मौजूद सीनियर वकील पीएस पटवारिया ने दलीलें दी.

सीनियर वकील ने कहा,

"हमारे विज्ञापन तथ्यों पर आधारित है."

जस्टिस महेश्वरी ने टोकते हुए कहा,

"अपनी याचिका में संबंधित पेज को देखिए. आपने तथ्यों को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया है."

पटवालिया ने जवाब दिया,

"हमारी बात तो सुनें. हमारी दलील अभी सुनी ही नहीं गई."

जेके महेश्वरी ने स्पष्ट कहा,

"आपका विज्ञापन प्रथम दृष्टतया ही भ्रामक हैं. हम कटुता को और बढ़ावा नहीं दे सकते हैं."

अदालत ने आगे कहा,

"अगर हाईकोर्ट आपकी बात सुन रहा है, तो हमें इसमें क्यों पड़े?"

पटवालिया ने कहा,

"ऐसे में तो मतदान ही पूरी हो जाएगी."

अदालत ने अपनी बात पूरी की,

"ऐसे विज्ञापन पर रोक मतदाताओं को नहीं, बल्कि आप को ही फायदा देंगे."

अदालत ने सुनवाई की अनिच्छा जताई, तो बीजेपी ने याचिका वापस लेने की इजाजत देने की मांगी. अदालत ने याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी.

कलकत्ता HC ने लगाई थी रोक

कलकत्ता हाईकोर्ट में, जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य ने ने बीजेपी के विज्ञापनों को आदर्श आचार संहिता (MCC) का उल्लंघन पाया. अदालत ने विज्ञापन के पार्ट को फैसले आने तक या चुनाव के बाद यानि 4 जून तक रोक लगाई है.