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Bilkis Bano Case: आरोपियों की छूट को चुनौती देने वाली याचिका पर SC इस दिन से करेगा सुनवाई

Bilkis Bano Case SC to hear plea against remission of convicts from 7 august

2002 में हुए गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के रेप और उसके परिवार वालों के मर्डर के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काटने वाले ग्यारह आरोपियों को छोड़ दिया गया था। इस फैसले को चुनौती देने हेतु दायर याचिकाओं की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में किस दिन से शुरू होगी, यह तय हो गया है...

Written By Ananya Srivastava | Published : July 18, 2023 12:30 PM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court of India) ने तय कर लिया है कि बिलकिस बानो मामले (Bilkis Bano Case) में, ग्यारह आरोपियों की छूट को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई कब होगी। बता दें कि इन याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई की प्रक्रिया 7 अगस्त, 2023 से शुरू होगी।

उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश बीवी नागरत्ना (Justice BV Nagarathna) और न्यायाधीश उज्ज्वल भुइयां (Justice Ujjal Bhuyan) की पीठ ने यह नोट किया है कि इस मामले में दलीलें पूरी हो चुकी हैं और सभी दोषियों को नोटिस दिए जा चुके हैं।

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सुनवाई की पहली तारीख तय

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने यह कहा है कि इस मामले में सभी दलीलें पूरी हो चुकी हैं और सभी प्रतिवादियों को, सभी मामलों में, समाचार-पत्रों द्वारा या फिर प्रत्यक्ष रूप से नोटिस जारी किया जा चुका है। इस मामले में अंतिम सुनवाई की शुरुआत 7 अगस्त, 2023 से होगी; सभी पक्षों को संक्षिप्त लिखित प्रस्तुतियाँ, सारांश और तारीखों की सूची दाखिल करनी चाहिए।

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अदालत ने दिए निर्देश

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुनवाई की तारीख तय करने के साथ ही, अदालत ने याचिकाकर्ताओं के वकीलों से कहा है कि उनकी लिखित प्रस्तुतियों में प्रमुख मुद्दों और बहस पर ध्यान दिया जाना चाहिए और अपने जवाबों को दायर करने के लिए अदालत ने तीन हफ्तों का समय दिया है।

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जस्टिस नागरत्ना और जस्टिस भुइयां की पीठ ने आरोपियों को भी अनुमति दी है कि वो उनकी छूट को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाबी हलफनामे दायर कर लें। 9 मई, 2023 को सुपएमे कोर्ट ने यह निर्देश दिया था कि गुजराती और अंग्रेजी भाषा में, स्थानीय समाचार-पत्रों में उन आरोपियों के लिए नोटिस जारी किया जाए, जिन्हें प्रत्यक्ष रूप से नोटिस नहीं भेजा जा सका था।

जानें क्या था मामला

अगर आप इस बारे में नहीं जानते हैं तो आपको बता दें कि 3 मार्च, 2002 के दिन, गुजरात दंगों के बीच 21 वर्षीय बिलकिस बानो, जो उस समय गर्भवती थीं, का गैंग रेप हुआ था और उनके परिवार के सात सदस्यों को मार डाला गया था। महाराष्ट्र उच्च न्यायालय ने इस मामले में ग्यारह आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

पिछले साल यानी अगस्त, 2022 में इन आरोपियों को जेल से रिहा कर दिया गया था; छूट के लिए दायर याचिका को गुजरात सरकार ने मंजूर किया था।