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DMK leader Kanimozhi Karunanidhi को Supreme Court से बड़ी राहत, 2019 के थूथुकुडी चुनाव बरकरार रखा,

कनिमोझी ने 2019 में थूथुकुड़ी क्षेत्र से चुनाव लड़ा था कनिमोझी ने चुनाव में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी, भाजपा नेता तमिलिसाई सुंदरराजन को हराया था। सुंदरराजन फिलहाल तेलंगाना की राज्यपाल हैं. चुनाव के बाद स्थानीय भाजपा नेता और एक मतदाता ने ए सनातन कुमार ने उनके निर्वाचन को चुनौती दी थी.

Written By Nizam Kantaliya | Published : May 4, 2023 11:19 AM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में संपन्न लोकसभा चुनाव में द्रमुक नेता कनिमोझी करुणानिधि के तमिलनाडु की थूथुकुड़ी संसदीय सीट से निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है.

Justice Ajay Rastogi और Justice Bela M Trivedi की पीठ ने थूथुकुडी लोकसभा क्षेत्र से 2019 के आम चुनावों में कनिमोझी करुणानिधि के चुनाव को बरकरार रखा है.

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पीठ ने इसके साथ ही कनिमोझी द्वारा इस संबंध में दायर अपील को भी स्वीकार किया है, इस अपील के जरिए Kanimozhi Karunanidhi ने मद्रास हाईकोर्ट के एक आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें हाईकोर्ट ने Santhana Kumar कर चुनाव याचिका को रद्द करने से इनकार कर दिया था.

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गौरतलब है कि कनिमोझी ने 2019 में थूथुकुड़ी क्षेत्र से चुनाव लड़ा था कनिमोझी ने चुनाव में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी, भाजपा नेता तमिलिसाई सुंदरराजन को हराया था। सुंदरराजन फिलहाल तेलंगाना की राज्यपाल हैं.

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चुनाव के बाद स्थानीय भाजपा नेता और एक मतदाता ने ए सनातन कुमार ने उनके निर्वाचन को चुनौती दी थी.

चुनावों के दौरान संपत्ति का खुलासा करने वाले अपने हलफनामे में Kanimozhi Karunanidhi द्वारा अपने पति के पैन नंबर सहित अनय विवरण का उल्लेख न करने को लेकर एक मतदाता द्वारा शिकायत दायर की गयी थी.

याचिका में कहा गया था कि Kanimozhi Karunanidhi के पति एक विदेशी नागरिक है और उसके पास ऐसा कोई कार्ड या भारत में गतिविधियों से कोई आय नहीं थी.

इस याचिका के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट ने पहले कनिमोझी की अपील खारिज कर दी थी, अपील में भाजपा नेता और मतदाता द्वारा उनके निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर रोक लगाने की मांग की गयी थी.

कनिमोझी की याचिका खारिज करते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था कि चुनाव याचिकाकर्ता को अपने दावे के संबंध में सबूत पेश करने के लिए एक मौका जरूर दिया जाना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट में Kanimozhi Karunanidhi की ओर से तर्क दिए गए कि उनके पति एनआरआई हैं जो सिंगापुर में रहते हैं. उनके पास न तो पैनकार्ड है और न ही भारत में वह आयकर जमा करते हैं.