legal profession में महिलाओं का भविष्य बेहतर- CJI DY Chandrachud
नई दिल्ली: देश के मुख्य न्यायाधीश DY Chandrachud ने वकालत के पेशे में महिलाओं की बढ़ती भूमिका और उनके भविष्य को लेकर महत्वपूर्ण बात कही है.
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि वकालत के पेशे में वक्त के साथ बड़ा बदलाव हो रहा है.और कानूनी पेशे में महिलाओं का भविष्य बेहतर है.
दौरे का तीसरा दिन
सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ तीन दिन आंध्र प्रदेश के राजकीय दौरे पर है. अपनी यात्रा के अंतिम दिन शुक्रवार को सीजेआई ने Andhra Pradesh Judicial Academy के नए भवन और High Court में digitization projects का उद्घाटन भी किया.
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सीजेआई चन्द्रचूड़ इस मौके पर अकादमी में आयोजित हुए उद्घाटन समारोह संबोधित कर रहे थे.
CJI ने अपने संबोधन में कहा कि कानूनी पेशे की यह विफलता है कि अधिकांश जिला अदालतों में अभी भी महिलाओं के लिए उपयोग करने योग्य वॉशरूम या सैनिटरी-नैपकिन डिस्पेंसर तक उपलब्ध नहीं है.
समय बदल रहा है
सीजेआई ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि आन्ध्रप्रदेश राज्य की न्यायिक अकादमी में युवा न्यायिक भर्तियों में पुरुषों और महिलाओं की संख्या ना केवल समान है बल्कि महिलाओं का प्रतिनिधित्व लगातार बढा है.
उद्घाटन समारोह में ट्रेनी न्यायिक अधिकारियों को संबोधित करते हुए सीजेआई ने कहा कि कानूनी पेशे में न्यायिक अधिकारियों के बीच gender की विविधता देखी गई है. और अब देश में कानूनी पेशे में समय बदल रहा है.
सीजेआई ने कहा कि "समय बदल गया है, कई राज्यों में न्यायिक बिरादरी में महिलाएं और पुरुष दोनों बड़ी संख्या में आ रहे हैं.
एक दिन आएगा
सीजेआई ने इस मामले में नए आने वाले न्यायिक अधिकारियों में महिलाओं की संख्या अधिक होने को लेकर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि न्यायिक सेवा में आने वाले अधिकारियों में महिलाएं पुरुषों की संख्या से आगे निकल गई है.
सीजेआई ने कहा कि मुझे विश्वास है कि यह आने वाले बेहतर समय का संकेत है जब न्यायिक सेवा आधी आबादी यानी महिलाओं से समृद्ध हो जाएगी और यह हमारे समाज में आधी संख्या तक पहुंच जाएगी.
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए सीजेआई ने कानूनी पेशे में अधिवक्ताओं से लेकर जजों द्वारा पहनी जाने वाली ब्लैक एंड व्हाइट ड्रेस कोड को लेकर भी अपनी बात कही.
ब्लैक एंड व्हाइट क्यों..
सीजेआई ने कहा कि कानूनी पेशे की black and white dress code सत्य और असत्य, न्याय और अन्याय के बीच के अंतर को दर्शाता है.
सीजेआई ने कहा कि हमें मामलों में अक्सर सही और अधिक सही के बीच निर्णय करना होता है तो भी दो गलत के बीच या सही और गलत के बीच के मामलों के संचालन को भी देखना होता है.
सीजेआई ने कहा कि कानूनी पेशा समावेशी है और न्यायिक शिक्षा संवैधानिक मूल्यों के साथ-साथ कानून के तकनीकी ज्ञान को भी प्रदान करने के बारे में जानकारी देती है.