Ban On Fire Crackers: पर्यावरण की चिंता करना केवल कोर्ट का काम नहीं, Supreme Court की अहम टिप्पणी
Ban On Fire Crackers: पटाखा जलाने पर बैन को लेकर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि पर्यावरण की चिंता करना केवल कोर्ट का काम नहीं हैं. कोर्ट ने आगे कहा कि ये गलत धारणा है कि पर्यावरण की चिन्ता केवल कोर्ट को होनी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने दीपावली पर पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगाने को कोई नया आदेश देने से इनकार किया. कोर्ट ने कहा हम कोई नया आदेश नहीं जारी कर रहे हैं. हमारे पिछले आदेशों का सभी राज्य सरकारें अनुपालन करें.
जस्टिस सुंदरेश ने कहा,
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"आजकल केवल बच्चे ही क्रैकर्स नहीं जलाते, आजकल तो बड़े भी पटाखा जलाते हैं."
SC ने साफ किया है कि पताखों पर बैन को लेकर उसकी ओर से जारी किए दिशानिर्देश सिर्फ दिल्ली एनसीआर तक सीमित नहीं है,बल्कि ये देश के सभी राज्यों पर लागू होता है. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारों की ज़िम्मेदारी बनती है कि वो वायु प्रदूषण/ ध्वनि प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए ज़रूरी कदम उठाए.
सुनवाई के दौरान कोर्ट की टिप्पणी,
"पर्यावरण संतुलन बनाये रखने की ज़िम्मेदारी सिर्फ कोर्ट की नहीं है, लोगों को भी और ज़्यादा संजीदा होने की ज़रूरत है. आजकल बच्चों से ज़्यादा बड़े पटाखें चलाते हैं.
पटाखो पर बैन को लेकर SC का पुराना आदेश ये था:-
1. बेरियम को पटाखों में बतौर केमकिल इस्तेमाल की इजाज़त नहीं
2. जॉइंट क्रेकर्स के निर्माण और इस्तेमाल की इजाज़त नहीं
3. जिन राज्यों में पटाखों पर पूरी तरह से बैन नहीं है, वहां ग्रीन क्रैकर्स का इस्तेमाल कर सकते है।
4. जिन राज्यों में जैसे दिल्ली में पटाखों पर पूरी तरह बैन है, ग्रीन पटाखो की भी इजाज़त नहीं है. वहां पटाखो पर पूरी तरह से बैन रहेगा.
राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल सुनिश्चित करेगी.