पोते की कस्टडी को लेकर अतुल सुभाष की मां पहुंची सुप्रीम कोर्ट, राज्य सरकारों को नोटिस जारी
एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की मां अंजु देवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपने 4 साल के पोते को खुद को सौंपने की मांग की है. अंजू देवी ने सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण (हैबियस कार्पस) अर्जी दाखिल कर कहा है कि अतुल की पत्नी निकिता और उनका परिवार जेल में है, ऐसे में उनका 4 साल का बेटा कहां है, इसकी कोई जानकारी भी उन्हें नहीं है, इसलिए उनके पोते को उन्हें सौंपा जाएं. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है. अब इस मामले की सुनवाई 7 जनवरी के दिन होगी.
पोते को दिखाने की मांग को SC पहुंची अतुल सुभाष की मां
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की खंडपीठ ने अतुल सुभाष की मां याचिका को जनवरी में स्थगित करते हुए राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है. बताते चलें कि अतुल सुभाष के सुसाइड करने की घटना के बाद कई बार उनकी मां ने मीडिया से बात करते हुए यह दावा किया है कि उन्हें उनके पोते के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है. उन्होंने कई सालों से उसका मुंह नहीं देखा है.
इससे पहले एआई इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड ने अपने मृत्युपूर्व कथन (Dying Declaration) में दावा किया कि उसकी पत्नी, सास, साले और पत्नी के चाचा ने मिलकर उसे प्रताड़ित किया और उस पर कुल 9 मुकदमे दर्ज कराए. अतुल की शादी मेट्रोमोनियल वेबसाइट से खोजे गए रिश्ते से तय हुई थी. पत्नी शादी होने के सालभर में अपने घर चली गई. अतुल ने कहा कि उसने अपने बेटे को पिछले 4.5 से नहीं देखा है और उसका चेहरा भी याद नहीं है.
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अतुल सुसाइड मामले में अब तक क्या हुआ?
सुसाइड की घटना के बाद अतुल के भाई ने भाई के ससुराल वालों के खिलाफ FIR दर्ज कराया है, जिसमें भाई की पत्नी निकिता सिंघानिया, उसकी मां, भाई और चाचा सुशील सिंघानिया को आरोपी बनाया है. वहीं, शिकायत पर कार्रवाई करते हुए बेंगलुरू पुलिस ने तीनों, निकिता सिंघानिया, उसकी मां और भाई को गिरफ्तार किया है. वहीं, चाचा सुशील सिंघानिया को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रांजिट अग्रिम जमानत दी है.