Advertisement

Attorney General ने मृत्युदंड देने के तरीके की समीक्षा हेतु एक समिति गठित करने के लिए केंद्र को लिखा पत्र

Attorney General of India R Venkataramani

देश के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने केंद्र को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने भारत में दोषियों को मृत्युदंड देने के तरीके पर एक समिति के गठन की बात की है..

Written By Ananya Srivastava | Published : July 25, 2023 3:55 PM IST

नई दिल्ली: देश में मृत्युदंड पाने वाले दोषियों को फांसी पर लटकाकर सजा देने के मौजूदा तरीके की समीक्षा के लिए भारत सरकार के सर्वोच्च कानून अधिकारी अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने एक समिति गठित करने को लेकर केंद्र को पत्र लिखा है। उच्चतम न्यायालय को यह जानकारी मंगलवार को दी गई।

न्यूज़ एजेंसी भाषा के अनुसार, केंद्र की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सोनिया माथुर ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ को बताया कि अटॉर्नी जनरल ने समिति के गठन के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखा है. साथ ही, उन्होंने इस मुद्दे पर मंत्रालय को अपने सुझाव अदालत में पेश करने का अनुरोध किया है।

Advertisement

माथुर ने कहा कि शीर्ष विधि अधिकारी उपलब्ध नहीं हैं, वह यात्रा पर हैं इसलिए सुनवाई को स्थगित किया जा सकता है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, इसे दो सप्ताह बाद शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध कीजिए।’’

Also Read

More News

इससे पहले, केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा था कि वह मृत्युदंड पाने वाले दोषियों को फांसी पर लटकाकर सजा देने के मौजूदा तरीके की समीक्षा के लिए एक समिति गठित करने पर विचार कर रहा है। अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि प्रस्तावित समिति के लिए नाम तय करने से जुड़ी प्रक्रिया जारी है और वह कुछ समय बाद ही इस पर जवाब दे पाएंगे।

Advertisement

पीठ ने कहा था, अटॉर्नी जनरल ने कहा कि एक समिति गठित करने की प्रक्रिया पर विचार किया जा रहा है। इसे देखते हुए हम गर्मी की छुट्टियों के बाद मामले की सुनवाई के लिए तारीख तय करेंगे।’’

गौरतलब है कि 21 मार्च को, उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि वह इस बात की जांच करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने पर विचार कर सकता है कि क्या मौत की सजा पर अमल के लिए फांसी की सजा आनुपातिक और कम दर्दनाक है। साथ ही उच्चतम न्यायालय ने

मृत्युदंड के तरीके से जुड़े मुद्दों पर बेहतर डेटा’ उपलब्ध कराने का भी केंद्र को निर्देश दिया था।

आपको बता दे कि वकील ऋषि मल्होत्रा ने 2017 में एक जनहित याचिका दायर कर मृत्युदंड के लिए फांसी पर लटकाने के मौजूदा तरीके को समाप्त करने का अनुरोध किया है। मल्होत्रा ने इसके बजाय जानलेवा इंजेक्शन लगाने, गोली मारने, करंट लगाने या गैस चैंबर में भेजने’’ जैसे कम दर्दनाक तरीकों का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया है।