Asaram Bapu ने Supreme Court से वापस ली सजा माफी की याचिका, अदालत ने सुनवाई से इनकार कर दिया ये आदेश
स्वयंभू धर्मगुरु (Self-Styled Godman) और बलात्कार के दोषी आसाराम बापू (Asaram Bapu) ने आज सुप्रीम कोर्ट में अपनी सजा से माफी और स्वास्थ्य कारणों के आधार पर जमानत की मांग वाली अपनी याचिका वापस ली है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस मांग याचिका पर सुनवाई करने मना किया जिसके बाद आशाराम बापू ने अपनी याचिका वापस ले ली है. बता दे कि आशाराम बापू को ट्रायल कोर्ट (Trial Court) ने साल 2018 में आजीवन कारावास (Life Imprisonment) की सजा सुनाई. ट्रायल कोर्ट ने आशाराम बापू को नाबालिग बच्ची से बलात्कार के मामले में POCSO Act के तहत दोषी पाते हुए सजा सुनाई. [आशाराम @ आशुमल बनाम राजस्थान राज्य सरकार]
Rajasthan HC से लें इजाजत
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपंकर दत्ता की बेंच के सामने लाया गया. बेंच ने इस मामले को आगे सुनने से इंकार कर दिया. याचिका में आशाराम बापू ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जमानत की मांग की है. बेंच ने सुझाव दिया कि उन्हें ईलाज के लिए राहत की मांग राजस्थान हाईकोर्ट का रुख करना चाहिए. इसके बाद दोषी ने अपनी याचिका वापस लिया है.
पिछले साल भी खारिज हुई थी मांग
सितंबर, 2023 में न्यायमूर्ति खन्ना की अगुवाई वाली बेंच ने आशाराम बापू को जमानत देने या उनकी सजा निलंबित करने से इनकार किया था.
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Rajasthan HC ने कई बार खारिज की याचिका
आसाराम बापू ने इस याचिका में राजस्थान हाईकोर्ट के 11 जनवरी को दिए आदेश को चुनौती दी थी. राजस्थान हाईकोर्ट ने अब तक चौथी बार, उनकी सजा को निलंबित करने या उन्हें अंतरिम चिकित्सा जमानत देने की मांग को खारिज किया है.
दो मामलों में मिली Life Imprisonment की सजा
आसाराम बापू साल 2013 से जेल में बंद है. वह जोधपुर की सेंट्रल जेल में बंद है. आशाराम बापू को दो अलग-अलग मामलों में आजीवन कारावास की सजा मिली है. साल 2018 में, पहली बार यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत 2013 के एक मामले में दोषी ठहराया गया. वहीं, जनवरी 2023 में, गुजरात की एक अदालत ने उन्हें एक अन्य मामले में एक भक्त के बलात्कार के लिए दोषी पाया. दोनो मामले में उम्रकैद की सजा मिली है.