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'केजरीवाल को दे सकते हैं अंतरिम जमानत', सुप्रीम कोर्ट ने जाहिर की मंशा, कारण भी दिए

शुक्रवार (03 मई 2024) के दिन अरविंद केजरीवाल की जमानत और रिमांड याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम लोकसभा चुनाव को देखते हुए अरविंद केजरीवाल की जमानत पर विचार कर सकते हैं.

Written By My Lord Team | Published : May 6, 2024 10:57 AM IST

Arvind Kejriwal Arrest And Remand: शुक्रवार (03 मई 2024) के दिन अरविंद केजरीवाल की जमानत और रिमांड याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम लोकसभा चुनाव को देखते हुए अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार कर सकते हैं. इसी मामले की पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने ED से अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को स्पष्ट करने के लिए कहा था.

अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत!

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दीपंकर दत्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की डिवीजन बेंच ने अरविंद केजरीवाल की याचिका को सुना.

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बेंच ने मौखिक रूप से कहा,

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"इस मामले में समय लग सकता है. लेकिन अगर मामले में समय लगता है, तो चुनाव के कारण हम अंतरिम जमानत के सवाल पर विचार कर सकते हैं. इस पर दोनों पक्ष बिल्कुल स्पष्ट रहिए..."

बेंच ने ये भी कहा,

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"कृप्या निर्देश सुने. हम अभी कुछ नहीं कह रहें हैं, लेकिन हम लोकसभा चुनाव को देखते हुए अंतरिम जमानत देने की सोच सकते हैं. ध्यान रखिए कि इसके दूसरे अर्थ भी हो सकते हैं."

बेंच ने दोनों पक्षों को स्पष्ट किया. उन्होंने अपना निर्णय सुरक्षित रखा है. साथ ही अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत को लेकर आश्वस्त होने से मना किया है.

मामले में अगली सुनवाई 7 मई को होगी.

क्या है मामला?

बता दें कि अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च के दिन ED ने हिरासत में लिया था. केजरीवाल पर शराब नीति घोटाले में पैसे की हेराफेरी करने के आरोप लगे थे. दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत की मांग की है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है.

वहीं पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने ED से अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर पांच सवाल पूछे थे. सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर ED ने अपना पक्ष भी रखा है. जांच एजेंसी का पक्ष रखने के लिए एडिशनल सॉलिसीटर जनरल एसवी राजू अदालत के सामने पेश हुए.

अदालत ने पूछा,

"कोई अदालत इस बात की जांच कैसे कर सकती है कि क्या गिरफ्तार करने वाले अधिकारी ने सही निष्कर्ष निकाला है कि गिरफ्तारी की जानी चाहिए."

बेंच ने ये भी कहा, 

"अदालत को देखना होगा कि क्या सामग्री है. यह ऐसा मामला नहीं है जहां कोई सामग्री नहीं है."

यदि गिरफ्तार करने वाले अधिकारियों की कार्रवाई मनमानी है और कोई सामग्री नहीं है तो गिरफ्तारी को अस्वीकार करने के लिए अदालत के पास दो विकल्प हैं। अन्यथा, अधिकार क्षेत्र बहुत सीमित है. उनकी अदालत ने (ट्रायल कोर्ट) को शक्ति सौंप दी है,

ED ने बताया. केजरीवाल हर एक कदम के लिए न्यायिक हस्तक्षेप की मांग की है. उनकी गिरफ्तारी भी दिल्ली हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद ही हुई है.

एएसजी एसवी राजू ने कहा, 

"केजरीवाल को अब तक तीन बार कोर्ट ने राहत देने से इंकार किया है. केजरीवाल ने हर स्टेप के लिए न्यायिक विधा का सहारा लिया है."

एसवी राजू ने ये भी कहा, 

"निर्णय न केवल I.O. का है, बल्कि स्पेशल जज द्वारा भी तय किया गया है, जो मामले में बेहद अनुभवी है. गिरफ्तारी से पहले भी उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट का रूख किया था. उनके जो भी दावे थे, हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि मामले में दखल देने की जरूरत नहीं है. वह सेक्शन 438 के तहत अंतरिम जमानत की मांग कर सकते थे."

एएसजी एसवी राजू ने यहां दिल्ली हाईकोर्ट मे दिए गए दलीलों का जिक्र किया है.

जस्टिस खन्ना ने कहा,

"वे उस वक्त ऐसा नहीं सोच रहे थे."

एएसजी राजू ने कहा,

"हमने उन्हें नौ बार बुलाया है."

जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा,

"उन्होंने बचाव में कहा था कि उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता हैं."

एएसजी ने जवाब दिया,

'गोलमोल जवाब गिरफ्तारी करने का आधार नहीं हो सकता है.'

अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले को 7 मई के दिन सुनेगी.