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सेना जमीन घोटाला: ED ने IAS अधिकारी छवि रंजन सहित 10 के खिलाफ रांची अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन के अलावा रांची के बजरा मौजा में 7.16 एकड़ क्षेत्रफल वाली जमीन जब्त कर ली है।

Written By My Lord Team | Published : June 13, 2023 11:55 AM IST

रांची: झारखण्ड की राजधानी रांची में सेना के कब्जे वाली जमीन की फर्जी दस्तावेजों पर खरीद-बिक्री के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate- ED) ने आईएएस अधिकारी छवि रंजन सहित 10 लोगों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट फाइल कर दी है। न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, ईडी ने इस मामले में सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन के अलावा रांची के बजरा मौजा में 7.16 एकड़ क्षेत्रफल वाली जमीन जब्त कर ली है।

आपको बता दे कि ईडी ने जब्त किये गए इन दोनों भू-खंडों की कीमत 14.39 करोड़ रुपए बताई है। आईएएस छवि रंजन पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर उक्त भूमि की जमाबंदी कराने का आरोप है।

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रिपोर्ट के अनुसार, ईडी ने सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन की फर्जी दस्तावेजों पर खरीद-बिक्री के मामले में रांची के पूर्व उपायुक्त आईएएस छवि रंजन सहित 10 लोगों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट फाइल कर दी है। अन्य आरोपियों में कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल, दिलीप घोष, बड़गाई सीआई भानु प्रताप प्रसाद, जमीन दलाल प्रदीप बागची, अफसर अली, इम्तियाज खान, फैयाज खान, तलहा खान और मोहम्मद सद्दाम के नाम शामिल बताये गए हैं।

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जांच के दौरान जो ब्योरा जुटाया है, उसके मुताबिक ईडी ने बताया कि रांची के तत्कालीन सब रजिस्ट्रार घंसी राम पिंगुआ ने सेना के कब्जेवाली साढ़े चार एकड़ जमीन का निबंधन करने से इनकार कर दिया था। इसके बावजूद सुनियोजित साजिश के तहत छवि रंजन के निर्देश पर इस जमीन का निबंधन और म्यूटेशन हुआ, और कोलकाता के अमित अग्रवाल और दिलीप घोष ने जगतबंधु टी इस्टेट के नाम पर इस जमीन को खरीदा।

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सेना के कब्जेवाली जमीन के इस मामले में सभी 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। अब आरोपपत्र फाइल होने के बाद बाकी लोगो की भी परेशानियां और बढ़ने वाली हैं।

फर्जीवाड़े का खुलासा और गिरफ्तारियां

यहां बता दे कि ईडी ने 13 अप्रैल को छवि रंजन सहित 18 लोगों के 22 ठिकानों पर छापेमारी की, और दूसरे दिन (14 अप्रैल) फर्जी रैयत प्रदीप बागची, बड़ागाई अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद सहित सात आरोपी को गिरफ्तारकर लिया था।

4 मई को, रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन की गिरफ्तारी, तथा इस महीने 7 जून की देर रात जगत बंधु टी इस्टेट के निदेशक दिलीप घोष व अमित अग्रवाल को भी गिरफ्तार कर लिया.

गौरतलब हो कि सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री मामले में फर्जीवाड़े का खुलासा सबसे पहले आयुक्त की जांच रिपोर्ट में हुआ था, जिसमे यह बात सामने आयी थी कि प्रदीप बागची नामक व्यक्ति ने फर्जी रैयत बनकर जगत बंधु टी इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक दिलीप कुमार घोष को उक्त जमीन बेची।

जमीन की खरीद-बिक्री के लिए रजिस्ट्री में प्रदीप बागची ने जिन होल्डिंग नंबर से संबंधित दो अलग-अलग कागजातों को लगाया था, वे जांच में फर्जी पाए गए थे.