Advertisement

Gyanvapi मस्जिद सर्वेक्षण मामले में कल भी जारी रहेगी Allahabad HC में मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई

Allahabad High Court on Gyanvapi Case

ज्ञानवापी मस्जिद सर्वेक्षण मामले में वाराणसी कोर्ट के आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई आज दोपहर से शुरू हुई और कल भी यह जारी रहेगी। जहां आज की सुनवाई हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस प्रकाश पाडिया ने की, कल सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस प्रीतांकर दिवाकर करेंगे..

Written By Ananya Srivastava | Updated : July 25, 2023 6:03 PM IST

नई दिल्ली: वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में एएसआई के विस्तृत वैज्ञानिक सर्वेक्षण के खिलाफ मस्जिद कमेटी की अपील पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की अदालत में सुनवाई शुरू कर दी गई। यहां बता दे कि उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को एएसआई द्वारा सर्वेक्षण का काम 26 जुलाई को शाम पांच बजे तक रोक दिया था.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आज शाम 4:10 पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने खुद ज्ञानवापी केस की सुनवाई शुरू की जो की शाम 5 बजे तक चलती रही; कल फिर सुबह 9:30 बजे मुख्य न्यायाधीश इस मामले को सुनेंगे।

Advertisement

गौरतलब है कि इस सर्वेक्षण द्वारा यह पता लगाया जाना है कि काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित ज्ञानवापी मस्जिद कहीं एक मंदिर के ऊपर तो नहीं बना है। शीर्ष अदालत ने यह कहते हुए सर्वेक्षण पर रोक लगा दी कि जिला अदालत के आदेश के खिलाफ अपील के लिए कुछ समय दिए जाने की जरूरत है।

Also Read

More News

न्यूज़ एजेंसी भाषा के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय को “यथास्थिति” के आदेश की समाप्ति से पूर्व इस अपील पर सुनवाई करने का निर्देश दिया था। यह आदेश ऐसे समय में आया जब एएसआई की टीम ज्ञानवापी परिसर के भीतर थी।

Advertisement

आपको बता दे कि इससे पूर्व, शुक्रवार को वाराणसी की जिला अदालत ने एएसआई को ग्राउंड पेनेट्रेटिंग राडार जैसी प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था।

गौरतलब है कि वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद सहित 22 मस्जिदों की देखभाल करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने मस्जिद परिसर (वुजुखाना को छोड़कर) के एएसआई सर्वेक्षण के लिए 21 जुलाई को पारित जिला न्यायालय के आदेश के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय का आज रुख किया था।

शीर्ष अदालत का 24 जुलाई का आदेश भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ द्वारा पारित किया गया था। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से मस्जिद की याचिका पर 26 जुलाई को अंतरिम आदेश समाप्त होने से पहले सुनवाई की अनुमति देने का अनुरोध किया गया।

सुनवाई के दौरान, तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की ओर से दिए गए एक बयान पर भी ध्यान दिया कि वह कम से कम एक सप्ताह तक ज्ञानवापी स्थल की कोई खुदाई करने की योजना नहीं बना रही है, हालांकि वाराणसी जिला न्यायालय ने यह निर्धारित करने के लिए इस तरह की खुदाई की अनुमति दी थी कि क्या 16 वीं शताब्दी की मस्जिद पहले से मौजूद मंदिर के ऊपर बनाई गई थी।

भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को एएसआई के रुख के बारे में सूचित किया था, जब ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने वाराणसी कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी।

21 जुलाई को, वाराणसी जिला न्यायालय ने चार हिंदू महिला उपासकों द्वारा दायर एक आवेदन को स्वीकार कर लिया, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संपूर्ण ज्ञानवापी मस्जिद (वुजुखाना को छोड़कर) का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने की मांग की गई थी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना के ऊपर किया गया था या नहीं।