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Allahabad HC ने गैंगस्टर मामले में सुरक्षित रखा Mukhtar Ansari के भाई Afzal Ansari की सजा पर फैसला

Allahabad High Court Reserves Decision Against Afzal Ansari

गैंगस्टर मामले में मुख्तार अंसारी के भाई, अफजाल अंसारी को निचली अदालत ने चार साल की जेल की सजा सुनाई थी और उनपर आर्थिक जुर्माना भी लगाया था। इस सजा पर रोक लगाने हेतु अफजाल अंसारी की याचिका पर अब इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है।

Written By Ananya Srivastava | Published : July 13, 2023 9:37 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने गैंगस्टर के एक मामले में दोषी अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) की याचिका पर बुधवार को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया। पूर्व सांसद अंसारी ने गैंगस्टर मामले में गाजीपुर की अदालत द्वारा सुनाई गई सजा पर रोक लगाने का अनुरोध किया है।

समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, अफजाल अंसारी ने गाजीपुर (Gazipur) की विशेष एमपी-एमएलए अदालत (MP/MLA Court) के निर्णय के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर की है।

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अफजाल अंसारी को निचली अदालत ने दोषी ठहराया 

निचली अदालत ने माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के भाई अफजाल अंसारी को गैंगस्टर अधिनियम (The UP Gangsters and Anti-Social Activities (Prevention) Act, 1986) के तहत 2007 के एक मामले में दोषी करार दिया था और चार साल के कारावास की सजा सुनाई थी। उसके खिलाफ एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया था।

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इलाहाबाद HC ने सुरक्षित किया निर्णय

न्यायमूर्ति राजबीर सिंह (Justice Raj Beer Singh) ने संबद्ध पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बुधवार को निर्णय सुरक्षित रख लिया। अंसारी के अधिवक्ता ने बुधवार को दलील दी कि भाजपा विधायक कृष्णानंद राय (Krishnanand Rai) की हत्या में अंसारी की कथित संलिप्तता के आधार पर गैंगस्टर अधिनियम लगाया गया था और उस मामले में उन्हें बरी कर दिया गया है, इसलिए अब शेष कुछ बचा नहीं है।

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय इस मामले में अपना फैसला 24 जुलाई को सुनाएगी।

हालांकि इस आवेदन का राज्य सरकार की ओर से विरोध किया गया। उल्लेखनीय है कि गाजीपुर की विशेष अदालत ने 29 अप्रैल, 2023 को दिए अपने निर्णय में 2007 के गैंगस्टर अधिनियम के एक मामले में मुख्तार अंसारी के साथ अफजाल अंसारी को दोषी करार दिया था और अफजाल को चार साल एवं मुख्तार को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई थी। अदालत के इस निर्णय के बाद अफजाल अंसारी की संसद की सदस्यता भी चली गई।