रेप विक्टिम 'मांगलिक' है या नहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चेक करने का दिया आदेश; अब सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया यह फैसला
नई दिल्ली: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में बलात्कार के एक मामले में रेप विक्टिम मांगलिक है या नहीं, इस बात को चेक करने का आदेश दिया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के इस फैसले पर अब सुप्रीम कोर्ट ने नया आदेश जारी किया है।
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में, बलात्कार के एक मामले में पीड़ित की कुंडली को चेक करने का आदेश दिया है जिससे यह पता चल सके कि वो लड़की 'मांगलिक' है या नहीं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सुधांशु धूलिया (Justice Sudhanshu Dhulia) और न्यायाधीश पंकज मित्तल (Justice Pankaj Mithal) की अवकाशकालीन पीठ ने स्थगित कर दिया है।
न्यायाधीश धूलिया और न्यायाधीश मित्तल का यह कहना है कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्योतिष शास्त्र को इतना महत्त्व क्यों दिया है, इसका यहां कोई मतलब नहीं है; यहां निजता के अधिकार (Right to Privacy) का हनन हुआ है।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट के ऑर्डर को स्थगित करते हुए उच्चतम न्यायालय ने यह स्पष्टीकरण भी दिया है कि हाईकोर्ट योग्यता (Merits) के आधार पर बेल याचिका पर विचार कर सकती है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में आया बलात्कार का एक मामला
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में बलात्कार का एक मामला सामने आया जिसमें पीड़ित का यह कहना है कि एक आदमी ने उनसे शादी करने का झूठा वादा करके उनके साथ शारीरिक संबंध बनाए।
इसपर आरोपी ने यह कहा कि उन दोनों की शादी इसलिए नहीं हो सकी क्योंकि लड़की 'मांगलिक' थी।
उच्च न्यायालय ने दिया कुंडली चेक करने का आदेश
आरोपी के 'मांगलिक' वाले बयान को झुठलाते हुए लड़की ने यह दावा किया कि उसमें 'मंगल दोष' नहीं है। इन दो अलग-अलग बयानों की वजह से इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस बृज राज सिंह (Justice Brij Raj Singh) की एकल पीठ ने लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योतिष शास्त्र विभाग (Astrology Department, Lucknow University) प्रमुख से कहा कि उन्हें जांच करके बताना होगा कि लड़की 'मांगलिक' है या नहीं। अदालत ने इसके लिए दोनों पार्टियों को विभाग के प्रमुख को दस दिन के अंदर अपनी कुंडली पेश करने का आदेश दिया था।