Allahabad High Court का मुख्तार अंसारी को पूरी सुरक्षा देने का आदेश, मीडिया नही कर पाएगी इंटरव्यू
नई दिल्ली: माफिया और राजनेता अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या किए जाने के बाद अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैगस्टर मुख्तार अंसारी के मामले में उत्तरप्रदेश पुलिस को सख्त आदेश दिए है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तरप्रदेश विधान सभा के पूर्व सदस्य मुख्तार अंसारी की पत्नी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तरप्रदेश डीजीपी को आदेश दिए है कि वह मुख्तार अंसारी को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करें.
जस्टिस कौशल जयेंद्र ठाकर और जस्टिस शिव शंकर प्रसाद की खंडपीठ ने उत्तरप्रदेश के डीजीपी को आदेश दिए है कि वह अंसारी को एक जेल से दूसरे जेल में स्थानांतरित करने और जेल से किसी भी अदालत में पेश करने के दौरान उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करें.
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हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि इस दौरान मीडिया को भी इंटरव्यू देने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
जैसा कि हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा "याचिकाकर्ता के पति को एक जेल से दूसरे जेल में स्थानांतरित करने और जेल से रास्ते में या किसी अन्य स्थान पर किसी भी अदालत में पेश करने के दौरान उसे पूरी सुरक्षा दी जाएगी.
मीडियाकर्मी को उसका साक्षात्कार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. जेल से मुख्तार अंसारी के प्रवेश और निकास के दौरान पुलिस कर्मियों को साथ रहना होगा.
इलाहाबाद हाईकोर्ट का यह आदेश अतीक अहमद की हत्या के बाद से ही अपेक्षित किया जा रहा था. क्योकि अतीक अहमद की हत्या के मामले में हत्यारें मीडियाकर्मियों के रूप में शामिल हुए थे.
इसके बावजूद की अतीक अहमद की ओर से अपनी सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गयी थी.
क्या कहा पुलिस ने
मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी की पत्नी की ओर से दायर याचिका का जवाब देते हुए उत्तरप्रदेश पुलिस ने अदालत को बताया कि जेल अधिकारी और पुलिस जेल में अंसारी की सुरक्षा के लिए हर संभव सावधानी बरत रहे हैं.
पुलिव ने अपने जवाब में कहा है कि जब भी अंसारी को जेल से बाहर निकाला जाता है, एक इंस्पेक्टर, दो सब-इंस्पेक्टर, 2 हेड कांस्टेबल, 8 कांस्टेबल और 2 ड्राइवर सुरक्षा घेरे में होते हैं.
कोर्ट ने राज्य की दलीलों को स्वीकार करते हुए पुलिस महानिदेशक से अंसारी की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया.
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा "हम पुलिस महानिदेशक, यूपी, प्रतिवादी नंबर 3 से याचिकाकर्ता के पति की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी अनुरोध करते हैं, क्योंकि वह जेल में अपने जीवन के लिए खतरा महसूस कर रहा है.
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में मीडिया के साक्षात्कर पर भी रोक लगाते हुए कहा कि वह इसके खिलाफ नहीं है। हालांकि, हाल ही में अतीक अहमद की हत्या को देखते हुए इस तरह का प्रतिबंध अंसारी के हित में होगा.
गौरतलब है कि 15 अप्रैल को, अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद को तीन हमलावरों ने लाइव टेलीविज़न पर रिपोर्टर के रूप में गोली मारकर हत्या कर दी थी.
मुख्तार अंसारी को हाल ही में गाजीपुर की एक अदालत ने अपहरण और हत्या के मामले में दोषी ठहराते हुए 10 साल जेल की सजा सुनाई है.