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सरकार द्वारा पोषित मदरसों में धार्मिक शिक्षा प्रदान करने के मामले में Allahabad High Court का केन्द्र को नोटिस

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि "केंद्र सरकार और राज्य सरकार अपने हलफनामें में 6 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करते हुए यह बताए कि क्या सरकारी खर्च पर या सरकारी खजाने से धार्मिक शिक्षा प्रदान करना संविधान के अनुच्छेद 14, 25, 26, 29 और 30 का उल्लंघन हो सकता है"

Written By Nizam Kantaliya | Published : April 1, 2023 5:47 AM IST

नई दिल्ली:उत्तरप्रदेश राज्य में राज्य सरकार द्वारा पोषित मदरसों में दी जा रही धार्मिक शिक्षा को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जस्टिस दिनेश कुमार ने नोटिस जारी करते हुए सरकार से पूछा है कि क्या सरकारी खर्च या सरकारी खजाने से दी जाने वाली फंडिंग से संचालित होने वाले मदरसों में धार्मिक शिक्षा दी जा सकती है!

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पीठ ने सवाल किया है कि सरकार द्वारा धार्मिक शिक्षा दिया जाना, क्या यह संविधान के अनुच्छेद 14, 25, 26, 29 और 30 का उल्लंघन नहीं है.

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हाईकोर्ट राज्य सरकार द्वारा पोषित एक मदरसा शिक्षक एजाज अहमद के वेतन विसंगती को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

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6 सप्ताह में जवाब

सुनवाई के दौरान पीठ के समक्ष यह तथ्य सामने आने पर कि मदरसे में सामान्य पाठ्यक्रम के अलावा, धार्मिक शिक्षा भी प्रदान की जाती है. हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है.

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि "केंद्र सरकार और राज्य सरकार अपने हलफनामें में 6 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करते हुए यह बताए कि क्या सरकारी खर्च पर या सरकारी खजाने से धार्मिक शिक्षा प्रदान करना संविधान के अनुच्छेद 14, 25, 26, 29 और 30 का उल्लंघन हो सकता है"

मामले में पीठ ने याचिकाकर्ता को भी राहत देते हुए सरकार को आदेश दिए है ​कि उसे वेतन के अनुबंध के आधार पर भुगतान किया जाए.