'DM जिले के राजस्व प्रमुख हैं, न कि जिले के राज्यपाल', इलाहाबाद HC ने जिलाधिकारी को लगाई फटकार, साथ में ये आदेश भी दिए
हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रतापगढ़ के जिलाधिकारी (DM) को फटकार लगाई है. DM को डांट शिक्षा विभाग से संबंधित मामले में जिला विद्यालय निरीक्षक से स्पष्टीकरण मांगने के लिए पड़ी है. अदालत ने स्पष्ट किया कि वे जिले के राजस्व प्रमुख हैं. साथ शिक्षा विभाग की पदानुक्रम में डीएम का कहीं जिक्र नहीं आता है. जिला विद्यालय निरीक्षक अपने विभाग के ही वरिष्ठ अधिकारियों के प्रति उत्तरदायी है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने DM से आदेश देने के कारणों की मांग करते हुए उन्हें व्यक्तिगत रूप से हलफनामा के माध्यम से जवाब देने के निर्देश दिए हैं.
Allahabad HC ने लगाई फटकार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, DM ये ध्यान में रखे कि वे जिले के राजस्व प्रमुख है, न कि जिले के राज्यपाल. जिला विद्यालय निरीक्षक एक जिला स्तरीय अधिकारी है और शिक्षा विभाग के प्रमुख है. वे DM के प्रति जवाबदेह नहीं है.
Also Read
- सालार मसूद गाजी के 'उर्स' आयोजित करने देने की मांग, जिला प्रशासन के फैसले के खिलाफ Allahabad HC में याचिका दाखिल
- उम्मीद है अब राज्यपाल और राज्य सरकार 'लोगों की भलाई' के लिए साथ मिलकर काम करेंगे: SC
- कोई 'पूर्ण वीटो' नहीं... सुप्रीम कोर्ट ने विधेयकों पर निर्णय लेने को लेकर राष्ट्रपति-गवर्नर की समयसीमा तय की
कोर्ट ने कहा,
"जिलाधिकारी को यह ध्यान में रखना होगा कि वह जिले के राजस्व प्रमुख है, न कि जिले के गवर्नर."
कोर्ट ने ये भी कहा,
"(वह) शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों जैसे शिक्षा उप निदेशक, संयुक्त शिक्षा निदेशक, निदेशक शिक्षा विभाग के प्रति जवाबदेह है. शिक्षा विभाग में जिला मजिस्ट्रेट को पदानुक्रम में कहीं शामिल नहीं किया गया है."
कोर्ट ने डीएम से जवाब की मांग की. उन्हें व्यक्तिगत रूप से हलफनामा देकर बताने को कहा कि उन्होंने किस अधिकार से आदेश पारित किया है. कोर्ट ने इस मामले को 3 मई को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है.
आखिर DM से चूक हुई कहां?
DM ने शिक्षा विभाग के संबंध में एक आदेश जारी किया. आदेश में जिला शिक्षा अधिकारी को निजी सहायता प्राप्त संस्थान से संबंधित चयन प्रक्रिया की जांच करने के आदेश दिए. DM ने जिला विद्यालय निरीक्षक से स्पष्टीकरण की मांग की थी. अदालत के सामने ये मामला पहुंचने के बाद DM से जवाब की मांग की गई है.