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75 वर्षीय दंपत्ति को गुजारा भत्ता के लिए लड़ता देख इलाहाबाद HC ने जताई हैरानी, कहा- लगता है कलयुग आ गया है

इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 75 वर्षीय कपल को गुजारा भत्ता के लिए अदालत में आने से हैरानी जताते हुए कहा कि लगता है कलयुग आ गया है (Allahabad High Court Comments Kalyug has come).

Written By Satyam Kumar | Published : September 25, 2024 12:36 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 75 वर्षीय कपल को गुजारा भत्ता के लिए अदालत में आने से हैरानी जताते हुए कहा कि लगता है कलयुग आ गया है (Allahabad High Court Comments Kalyug has come). पति की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पत्नी को नोटिस जारी की. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए स्पष्ट तौर पर कहा कि ये नोटिस संबंधित व्यक्ति (पत्नी) को हाथों में मिलना चाहिए. गुजारा-भत्ते से जुड़े इस विवाद में पति ने फैमिली कोर्ट के फैसले को चुनौती है जिसमें उसे पत्नी को तीन हजार रूपये महीना पत्नी को गुजारा भत्ता के तौर पर देना है.

लगता है कलयुग आ गया!

इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी ने पत्नी को नोटिस जारी करते हुए कहा कि इतने बुजुर्ग दंपत्ति को गुजारा भत्ते के लिए लड़ते देखना पड़ रहा है, लगता है कलयुग आ गया है. अदालत ने आशान्वित होते हुए कहा कि मुझे उम्मीद है कि अगली सुनवाई में दोनों पक्ष किसी एक उचित मुआवजे की राशि समझौते से तय करके अदालत के सामने आएंगे.

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बहस के दौरान याचिकाकर्ता(पति) पक्ष के वकील ने दावा किया कि बुर्जुग को पंद्रह हजार रूपये पेंशन मिलता है और वे अपने बड़े बेटे के साथ किराये के मकान में रहते हैं. वही पत्नी छोटे बेटे के साथ याचिकाकर्ता के बनाए मकान में छोटे बेटे के साथ रह रही है. एडवोकेट ने अदालत को बताया कि इस पर भी फैमिली कोर्ट ने बुर्जुग को तीन हजार का गुजारा भत्ता देने के निर्देश दिया है.

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अदालत को गुजारा भत्ता तय करने का अधिकार

सीआरपीसी की धार 125, अदालत को गुजारा भत्ता से जुड़े मामले में राशि तय करने की शक्ति देती है. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 (BNSS 2023) की धारा 144 अब पत्नी, बच्चे और पेरेंट्स के गुजारा भत्ता की राशि तय करने का अधिकार देती है. साथ ही हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 25 भी गुजारा भत्ता के मामले से जुड़ी है.

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