एयर इंडिया केस में आरोपी शंकर मिश्रा को अदालत ने भेजा न्यायिक हिरासत में
नई दिल्ली: एयर इंडिया की फ्लाइट में महिला सह-यात्री पर पेशाब करने के मामले में आरोपी शंकर मिश्रा को दिल्ली की एक अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है.
पटियाला हाउस कोर्ट में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अनामिका ने इस मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से पेश किए गए पुलिस कस्टडी की एप्लीकेशन को खारिज करते हुए ये आदेश दिए है.
अदालत ने दिल्ली पुलिस के आवेदन पर कहा कि जनता के दबाव के लिए मामले की जांच को प्रभावित नहीं किया जा सकता.
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पटियाला हाउस कोर्ट में किया पेश
गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर माह में न्यूयॉर्क से दिल्ली आने वाली एयर इंडिया की एक उड़ान में एक महिला यात्री पर पुरुष यात्री द्वारा पेशाब करने का मामला सामने आया था. यह मामला तब सामने आया जब टाटा समूह की चेयरपर्सन ने महिला का पत्र मीडिया के सामने आ गया.
आरोपी शंकर मिश्रा को दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार रात को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है. जिसे पुलिस दिल्ली लेकर पहुंची और आज पटियाला कोर्ट में पेश किया. मामले में जांच के लिए दिल्ली पुलिस ने आरोपी को तीन दिन का पुलिस रिमांड मांगा था. लेकिन अदालत ने इसे स्वीकार करने से इंकार कर दिया.
कोर्ट में पेश हुए शंकर मिश्रा के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि शंकर मिश्रा के खिलाफ लगाए गए अपराधों में से केवल एक ही गैर जमानती है बाकी सभी जमानती धारा है. अधिवक्ता ने कहा कि इस मामले में मिश्रा जांच में पूर्ण सहयोग कर रहा है.
इस मामले में जांच के लिए ऐसा कुछ नही है जिसके लिए पुलिस को रिमांड दी जाए.
जनता का दबाव
बचाव पक्ष की दलीलों का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया कि आरोपी शंकर मिश्रा इस मामले में पुलिस की जांच में मदद नहीं कर रहा है. आगे की जांच के लिए पुलिस को बहुत से लोगों से पूछताछ करने की जरूरत है जिसमें चालक दल के सदस्यों सहित अन्य यात्री शामिल है.
मामले की सुनवाई कर रही जज ने कहा कि इस मामले में ऐसा कुछ नही है जिसके लिए आरोपी को पुलिस रिमांड पर भेजा जाए. अदालत ने कहा कि चालक दल के सदस्यों और अन्य गवाहों से पूछताछ के लिए मिश्रा की हिरासत की जरूरत नहीं होगी.
सुनवाई के दौरान पीड़िता के वकील द्वारा यह कहने पर की इस मामले में चालक दल के सदस्य भी जिम्मेदार हैं. अदालत ने कहा कि सिर्फ जनता का दबाव बनने की वजह से जांच को प्रभावित नहीं किया जा सकता.
अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद पुलिस हिरासत के लिए दिल्ली पुलिस की याचिका को खारिज करते हुए शंकर मिश्रा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए.
अदालत ने अपने आदेश में लिखा "इस अदालत की सुविचारित राय में, यदि अभियुक्त को अन्य गवाहों से पूछताछ करने की आवश्यकता नहीं है, तो भौतिक उपस्थिति, यहां तक कि धारा 164 सीआरपीसी का बयान भी उसे पुलिस हिरासत में लिए बिना दर्ज किया जा सकता है. उपरोक्त कारणों से, पीसी आवेदन से इनकार किया जाता है.उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है.
जमानत पर सुनवाई 11
दिल्ली पुलिस के रिमांड के आवेदन के खारिज होने के तुरंत बाद ही मामले में आरोपी शंकर मिश्रा के अधिवक्ता जमानत के लिए आवेदन किया. अदालत ने मिश्रा की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए 11 जनवरी की तारीख तय की है.
जमानत याचिका पर सुनवाई 11 जनवरी को होने और दिल्ली पुलिस की रिमांड नहीं देने पर अब आरोपी शंकर मिश्रा जेल में न्यायिक हिरासत में रहेगा.