Agnipath Scheme राष्ट्रहित में है, कोर्ट के दखल का कोई औचित्य नहीं बनता: Delhi HC ने खारिज की याचिकायें
नई दिल्ली: अग्निपथ स्कीम से सम्बंधित याचिकाओं को दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को ख़ारिज कर दिया. दिल्ली हाई कोर्ट ने सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र की अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं के बैच को खारिज करते हुए कहा कि यह योजना राष्ट्रीय हित में और यह सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई थी कि सशस्त्र बल बेहतर सुसज्जित हों.
याचिकाओं को ख़ारिज करते हुए, दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि इस योजना में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है.
आपको बता दें की सशस्त्रों बलों में युवाओं की भर्ती को लेकर पिछले साल 14 जून को अग्निपथ योजना की शुरुआत की गई थी जिसके तहत उम्मीदवारों की आयु सीमा में बदलाव किए गए थे. योजना के नियमों के अनुसार उम्मीदवारों की उम्र 17 साल छ: महीने से 21 वर्ष होनी चाहिए.
Also Read
- पब्लिक प्लेस से अवैध धार्मिक संरचनाओं को हटाने का मामला, Delhi HC ने सरकार से मांगी कार्रवाई की पूरी जानकारी
- CLAT 2025 के रिजल्ट संबंधी सभी याचिकाओं को Delhi HC में ट्रांसफर करने का निर्देश, SC का अन्य उच्च न्यायालयों से अनुरोध
- जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना: Delhi HC ने सरकार को कोचिंग फीस का भुगतान करने का आदेश दिया
सशस्त्रों बलों में युवाओं की भर्ती के बाद उनके कार्यकाल की समयावधि चार साल कर दी गई. इतना ही नहीं, चयनित उम्मीदवारों में से केवल 25 प्रतिशत को ही रखा जाएगा बाकी को भविष्य के लिए पेशेवर ट्रेनिंग दी जाएगी. इन बातो को लेकर देशभर में आक्रोश देखने को मिला था. बाद में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया गया.
दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले साल 15 दिसंबर को फैसला सुरक्षित किया था और वकीलों से छुट्टियों से पहले अपनी लिखित दलीलें पेश करने को कहा था.
कोर्ट ने 14 दिसंबर को भारतीय सेना में अग्निवीरों और नियमित सिपाहियों (सैनिकों) के लिए अलग-अलग वेतनमान के केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाया था. कोर्ट न कहा था कि अगर उसका कार्य क्षेत्र एक समान है तो वेतनमान अलग - अलग क्यों.
आपको बता दे की केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व, करते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा था कि वह अग्निवीरों की भूमिका, जिम्मेदारियों और पदानुक्रम पर हलफनामा दायर करेंगी.