राहुल के बाद अब दिग्विजय सिंह की राज्यसभा सदस्यता पर लटकी तलवार, मानहानि मामले में आरोप तय
नई दिल्ली: मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता गंवाने के बाद अब कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह की सदस्यता पर भी तलवार लटक गई है.
मध्यप्रदेश भाजपा इकाई अध्यक्ष वी डी शर्मा द्वारा दायर मानहानि के मामले में विशेष अदालत ने राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह के खिलाफ भादंसं की धारा 500 के तहत आरोप तय किए हैं.
दिग्विजय सिंह ने वर्ष 2013 में वी डी शर्मा पर मध्य प्रदेश के कुख्यात व्यापमं घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था.
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एमपी एमएलए विशेष कोर्ट के जज विधान माहेश्वरी की इस मामले पर सुनवाई करते हुए दिग्विजय सिंह के खिलाफ आरोप तय करते हुए मामले की सुनवाई 1 जुलाई को तय की है.
दिग्विजय सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 500 के तहत आरोप तय किए है और इस मामले में दोषी घोषित किए जाने पर सिंह को दो साल तक जेल की सजा हो सकती है या जुर्माना लगाया जा सकता है अथवा दोनों ही सजा सुनाई जा सकती है.
घोटाले में शामिल होने का आरोप
मध्यप्रदेश में सरकारी विभागों में कार्मिको की नियुक्ति के लिए की जाने वाली भर्ती एवं व्यावसायिक कोर्स के लिए ली जाने वाले परीक्षाओं में बड़े स्तर पर घोटाला सामने आया था, जिसे व्यापमं घोटाले के रूप में पहचान मिली थी.
यह घोटाला वर्ष 2011 में सामने आया था. सीबीआई ने इस मामले में वर्ष 2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस भर्ती और प्रवेश घोटाले की जांच अपने हाथ में ले ली थी.
भाजपा के मध्य प्रदेश के वर्तमान अध्यक्ष वी डी शर्मा ने 2014 में दिग्विजय सिंह द्वारा व्यापमं घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाये जाने के बाद उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था.
हाल ही में 4 जनवरी 2023 को ही विशेष अदालत ने इस मामले में दिग्विजय सिंह को जमानत दी थी.
राहुल को हुई थी सजा
गौरतलब है कि सूरत की एक अदालत ने हाल ही में 23 मार्च को मानहानि के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी मानते हुए 2 वर्ष की सजा सुनाई थी.
भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दर्ज कराए गए मामले में सूरत की अदालत ने राहुल गांधी को आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत दोषी माना था.
"मोदी उपनाम" को लेकर की गई विवादित टिप्पणी में सजा सुनाए जाने के बाद लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता से आयोग्य घोषित कर दिया गया था.