Victoria Gowri नियुक्ति मामला, Supreme Court ने न्यायालय के समय से पूर्व की सुनवाई
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट में एडिशनल जज के रूप में नियुक्त की गई एडवोकेट एल विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है.
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने याचिका में उठाये गए मुद्दो को गौरी की योग्यता से संबंधित नहीं मानते हुए कहा कि याचिका के मुद्दे गौरी की उपयुक्तता से संबंधित है, जो एक व्यक्तिपरक आकलन है और इसलिए, कोर्ट इसकी जांच नहीं कर सकता.
साथ ही पीठ ने कॉलेजियम द्वारा लिए गए फैसले पर आदेश देने से इंकार करते हुए कहा कि न्यायिक पक्ष से कॉलेजियम को पुनर्विचार करने का निर्देश देने के लिए कहा जा रहा है और हम ऐसा नहीं कर सकते.
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अप्रत्याशित घटनाक्रम
एक अप्रत्याशित घटनाक्रम के तहत मद्रास हाईकोर्ट की नवनियुक्त एडिशनल जज Victoria Gowri की नियुक्ति को चुनौति देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुबह 9.15 बजे सुनवाई तय की गई.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले की न्यायालय समय से पूर्व सुनवाई तय किए जाने पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुबह 9 बजे ही सुप्रीम कोर्ट पहुंचे.
करीब आधे घण्टे तक इंतजार के बाद भी जब पीठ स्थापित नही हुई.
ताजा जानकारी के अनुसार मामले की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बी आर गवई की पीठ सुबह 10.30 बजे सुनवाई करेगी. दूसरी तरफ राष्ट्रपति भवन से नियुक्ति वारंट जारी होने के बादद मद्रास हाईकोर्ट में एडवोकेट गौरी का शपथग्रहण आज सुबह 10.30 बजे रखा गया है.
10.30 बजे शुरू हुई सुनवाई
एक घण्टे के नाटकीय घटनाक्रम के बाद आखिरकार 10.30 बजे जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई शुरू की.
न्यायालय समय शुरू होने के साथ ही याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता रामचंद्रन ने अदालत से अनुरोध किया कि इस मामले में सुनवाई से पूर्व मद्रास हाईकोर्ट में जारी शपथग्रहण कार्यक्रम को रोका जाए.
रामचन्द्रन ने यह एक असाधारण घटनाक्रम की आवश्यक्ता है.
जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि उन्होने रिकॉर्ड पर आए दस्तावेजो को पढा है, लेकिन अदालत इसमें नहीं जा सकती क्योंकि प्रक्रिया अव्यावहारिक हो जाएगी। हम योग्यता के इर्द-गिर्द ही काम कर सकते हैं
हम ऐसा नहीं कर सकते
कॉलेजियम के फैसले को लेकर पीठ ने कहा कि एडवोकेट गौरी से जुड़ी सामग्री पर कॉलेजियम ने विचार किया होगा और अब न्यायिक आदेश पारित करना कॉलेजियम के विवेक के खिलाफ जाना होगा. पीठ ने टिप्पणी की, "यह कॉलेजियम में विश्वास और सम्मान की कमी दिखाने जैसा होगा... न्यायिक पक्ष में हमें कॉलेजियम को पुनर्विचार करने का निर्देश देने के लिए कहा जा रहा है और हम ऐसा नहीं कर सकते."
न्यायालय ने यह भी कहा कि वर्तमान नियुक्ति केवल एक अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में है और कॉलेजियम अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकता है और अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्हें स्थायी नहीं कर सकता है।
पीठ ने टिप्पणी की, "ऐसे कई उदाहरण हैं जब प्रदर्शन संतोषजनक नहीं होने पर अतिरिक्त न्यायाधीश को स्थायी नहीं किया गया।"
मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव खन्ना ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हमसे न्यायिक पक्ष से कॉलेजियम को पुनर्विचार करने का निर्देश देने के लिए कहा जा रहा है और हम ऐसा नहीं कर सकते.
गौरी ने ली शपथ
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी रहने के दौरान ही मद्रास हाईकोर्ट में सुबह 10.35 बजे एडवोकेट एल विक्टोरिया गौरी ने शपथ ले ली है. मद्रास हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने उन्हे पद एवं गोपनियता की शपथ दिलाई.