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Businessman suicide case: आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में आरोपी Rajasthan के 74 वर्षिय अधिवक्ता को Supreme Court से मिली जमानत

फरवरी 2023 में Rajasthan High Court ने इस मामले में आरोपी अधिवक्ता की ओर से दायर जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. High Court के फैसले के खिलाफ अधिवक्ता ने Supreme Court में अपील दायर कर चुनौती दी थी.

Written By Nizam Kantaliya | Published : April 12, 2023 7:07 AM IST

नई दिल्ली:राजस्थान के एक 74 वर्षिय अधिवक्ता को Supreme Court ने जमानत दी है जिस पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है.

सुप्रीम कोर्ट ने अधिवक्ता रमेश चंद तिवारी को जमानत देते हुए कहा कि चूंकि मृतक ने सुसाइड नोट में आरोपी के बेटे और दो अन्य को स्पष्ट रूप से मुख्य जिम्मेदार बताया है, इसलिए अपीलकर्ता अधिवक्ता को जेल में रखना अब आवश्यक नहीं है.

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Justice V Ramasubramanian and Justice Pankaj Mithal की पीठ ने कहा कि "मृतक के हस्तलिखित नोट में, पीड़िता ने वास्तव में अपीलकर्ता के बेटे और दो अन्य को मुख्य रूप से जिम्मेदार बताया है. इस मामले में अंतिम रिपोर्ट दाखिल की जा चुकी है और यह भी स्पष्ट रूप से कहा है कि अपीलकर्ता ने उन्हें धमकी दी थी. इसलिए, यह ऐसा मामला नहीं है जहां अपीलकर्ता की निरंतर कैद आवश्यक है.

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High Court ने नही दी थी जमानत

फरवरी 2023 में Rajasthan High Court ने इस मामले में आरोपी अधिवक्ता की ओर से दायर जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. High Court के फैसले के खिलाफ अधिवक्ता ने Supreme Court में अपील दायर कर चुनौती दी थी.

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Supreme Court में दायर अपील में आरोपी अधिवक्ता की ओर से दलील दी गयी कि अधिवक्ता एक कानूनी पेशेवर है और उसके कही भाग जाने की कोई संभावना नहीं है.यह भी कहा गया कि आरोपी के खिलाफ पूर्व में कोई अपराधिक इतिहास नही है और कभी भी किसी भी अपराध में शामिल नही रहा है.

Supreme Court ने अधिवक्ता आरोपी की अपील को स्वीकार करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया है. Supreme Court ने निचली अदालत द्वारा तय किए जाने वाली शर्तो के साथ जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.

ये है मामला

राजस्थान में 16 नवंबर 2022 को व्यापारी मनमोहन सोनी ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली थी. मृतक व्यापारी के सुसाइड नोट के आधार पर आरोपी अधिवक्ता रमेशचन्द्र तिवाड़ी, उसके बेट सहित तीन अन्य लोगो को गिरफतार किया गया था.

आरोपी अधिवक्ता, उसके बेटे व दो अन्य लोगो ने मिलकर मृतक व्यापारी से कोरोना से पूर्व 6.5 करोड़ रुपए ब्याज पर लिए थे.

इस बीच कोरोना आ गया और आरोपियों ने ब्याज की किश्ते देना बंद कर दिया. मृतक मनमोहन के करोड़ों रुपए डूबने लगे तो उन्होंने आरोपियों से लौटाने की बात कही. आरोपियों ने कारोबारी को धमकाया कि वे रुपए नहीं लौटाएंगे.

मामले में मृतक की पत्नी ने पत्नी नीतू ने 2020 में शास्त्री नगर थाने में आरोपियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। रिपोर्ट में अधिवक्ता रमेश चंद्र तिवाड़ी द्वारा अपने बेटे सत्यार्थ तिवाड़ी के साथ मिलकर पति को झांसे में लेने और मकान गिरवी रख साढ़े 6 करोड़ रुपए पति से लेने का आरोप लगाया.

सुसाईड से पहले बनाया था वीडियो

पत्नी द्वारा पुलिस में मामला दर्ज कराने के बाद पुलिस ने बिना जांच कर FR लगा दी, जिससे दुखी व्यापारी ने पति ने दोबारा सत्यार्थ तिवाड़ी समेत अन्य लोगों के खिलाफ कोर्ट में शिकायत दी.

अदालत और पुलिस के चक्कर के साथ धमकियों के चलते पहले 18 दिसंबर 2020 को नींद की गोलियां खाकर सुसाइड का प्रयास किया उसके बाद 16 नवंबर 2022 को उसने खुद को गोली मारकर सुसाईड कर ली.

सुसाइड से पहले व्यापारी मनमोहन सोनी ने वीडियो भी बनाया था, जिसमें आत्महत्या का जिम्मेदार सत्यार्थ तिवाड़ी, रमेश चंद तिवाड़ी, लोकराज पारीक सहित चार को बताया था.