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अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद: Supreme Court में एक और जनहित याचिका दायर

केंद्र सरकार ने हिंडनबर्ग द्वारा धोखाधड़ी के लगाए गए आरोपों के बाद अडाणी समूह के शेयरों में आई भारी गिरावट के बीच सोमवार को उच्चतम न्यायालय के उस सुझाव को स्वीकार कर लिया जिसमें बाजार नियामक व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए विशेषज्ञों की समिति बनाने को कहा गया था.

Written By My Lord Team | Published : February 16, 2023 12:31 PM IST

नई दिल्ली: अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडाणी समूह की कंपनियों पर धोखाधड़ी और शेयर के मूल्यों में फेरबदल करने के लगाए आरोपों की न्यायिक जांच हेतु एक और जनहित याचिका बृहस्पतिवार को Supreme Court में दाखिल की गई. याचिका में अडाणी समूह की कंपनियों पर धोखाधड़ी और शेयर के मूल्यों में फेरबदल करने के लगाए आरोपों की किसी समिति या उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में बहु केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने का अनुरोध किया गया है.

प्रधान न्यायाधीश (Cief Justice of India) डी वाई चंद्रचूड़ (Dhananjaya Y. Chandrachud) की अध्यक्षता वाली पीठ अडाणी समूह के शेयरों की कीमत में कथित तौर पर कृत्रिम तरीके से गिरावट’कर निवेशकों का शोषण करने के आरोप संबंधी तीन जनहित याचिकाओं को पहले ही स्वीकार कर चुकी है और उन्हें शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है.

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चौथी जनहित याचिका स्वयं को सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाले मुकेश कुमार ने अपने वकीलों रूपेश सिंह भदौरिया और महेश प्रवीर सहाय के जरिये दाखिल कराई है. अधिवक्ता भदौरिया भारतीय युवा कांग्रेस के विधि प्रकोष्ठ के भी प्रमुख हैं.

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याचिका में अनुरोध किया गया है कि गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ), कंपनी रजिस्ट्रार, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से धन शोधन की पहलू, आयकर विभाग ने कर चोरी के पनाहगाह देशों में ऑफशोर लेनदेन और राजस्व आसूचना निदेशालय से उचित ऑडिट (लेनदेन और फॉरेंसिक ऑडिट), जांच का निर्देश जाए.’’

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जांच में केंद्र और एजेंसियों को सहयोग करने का निर्देश देने का अनुरोध करते हुए अदालत से गुजारिश की गई है कि निगरानी करने के लिए उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश या समिति की नियुक्ति जांच की जाए.

गौरतलब है कि इससे पहले अधिवक्ता एम एल शर्मा, विशाल तिवारी और कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने भी अडाणी-हिंडनबर्ग विवाद को लेकर शीर्ष अदालत में जनहित याचिका दायर की है.

आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने हिंडनबर्ग द्वारा धोखाधड़ी के लगाए गए आरोपों के बाद अडाणी समूह के शेयरों में आई भारी गिरावट के बीच सोमवार को उच्चतम न्यायालय के उस सुझाव को स्वीकार कर लिया जिसमें बाजार नियामक व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए विशेषज्ञों की समिति बनाने को कहा गया था.