गैंगस्टर एक्ट के खिलाफ अब्बास अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका, जेल में गैरकानूनी मुलाकात मामले में भी मांगी है जमानत
Gangster Act: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के विधायक अब्बास अंसारी ने उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा कड़े गैंगस्टर एक्ट को लागू करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर प्रकाशित कॉजलिस्ट के अनुसार, जस्टिस सूर्यकांत और उज्जल भुइयां की पीठ आज सुनेगी. आज अदालत जेल में गैरकानूनी मुलाकात मामले में जमानत की मांग वाली याचिका पर भी सुनवाई करेगी. चित्रकूट जेल में बंद अंसारी को जेल अधिकारियों की मिलीभगत से जेल में अपनी पत्नी निखत से अवैध रूप से मिलते हुए पकड़ा गया था. पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से स्थगन मांगे जाने के बाद शीर्ष अदालत ने जमानत की सुनवाई टालने का फैसला किया था.
राज्य सरकार की ओर से पेश हुए एक वकील ने कहा था कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) केएम नटराज कुछ व्यक्तिगत परेशानी में हैं. वह दिल्ली में नहीं हैं. जवाबी हलफनामा पहले ही दाखिल किया जा चुका है. वह अदालत को संबोधित करेंगे और मामले को आगामी सोमवार (9 सितंबर) को रखा जा सकता है.
मेरे खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाया जा सकता है, अब्बास अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा
उसी दिन अब्बास अंसारी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने आशंका जताई कि उनके मुवक्किल पर जमानत पर रिहाई को रोकने के लिए गैंगस्टर अधिनियम के तहत फिर से मामला दर्ज किया जा सकता है. उन्होंने तर्क दिया कि सभी मामलों में मैं जमानत पर हूं. केवल दो मामले बचे हैं. यह (अवैध जेल मुलाकात) मामला और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश के समक्ष लंबित एक (मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मांगना). अगर मुझे दोनों मामलों में जमानत मिल जाती है, तो मुझे गैंगस्टर अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया जाएगा. वरिष्ठ वकील ने शुक्रवार को सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ से अनुरोध किया कि वे अब्बास अंसारी की गैंगस्टर अधिनियम के खिलाफ दायर रिट याचिका को अवैध मुलाकात मामले में जमानत याचिका के साथ सूचीबद्ध करें. इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने सिब्बल को आश्वासन दिया कि वे ईमेल की जांच करेंगे और लिस्टिंग के लिए आवश्यक आदेश पारित करेंगे.
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बिना परमिशन पत्नी से मिले थे अब्बास अंसारी, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले में जमानत देने से किया इंकार
इससे पहले मई में, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अब्बास अंसारी को उसकी प्रोफाइल और पृष्ठभूमि और पारिवारिक पृष्ठभूमि पर विचार करते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था. न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की पीठ ने कहा कि आवेदक विधान सभा का सदस्य है. वह एक जनप्रतिनिधि है. उसका आचरण समाज के अन्य आम लोगों की तुलना में उच्च स्तर का होना चाहिए. विधान सभा के सदस्य भी हैं और इसके लिए ये उचित नहीं है कि एक कानून निर्माता को कानून तोड़ने वाले के रूप में देखा जाए. पिछले साल फरवरी में, निकहत बानो चित्रकूट जेल के अंदर अपने पति से मिलने गई थी और जिला प्रशासन द्वारा की गई छापेमारी के दौरान उसके पास से दो मोबाइल फ़ोन और 21,000 रुपये नकद के साथ 12 सऊदी रियाल बरामद किए गए थे. जेल के नियमों का उल्लंघन करते हुए जेल में अपने पति से अवैध रूप से मिलने के लिए उसे, अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था. बाद में उत्तर प्रदेश सरकार ने अब्बास अंसारी को कासगंज जेल में ट्रांसफर कर दिया था.