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फिल्म देखने के दौरान दर्शक को चूहे ने काटा, Consumer Court ने सिनेमा मालिक पर लगाया 67 हजार का जुर्माना

कामरूप जिला उपभोक्ता अदालत ने सिनेमा हॉल के भीतर साफ सफाई और स्वच्छता का ध्यान नही रखने के लिए संचालको की सेवा में कमी माना.अदालत ने कहा कि सिनेमैटोग्राफ अधिनियम के तहत उचित सेवा प्रदान करने के लिए हॉल अपने कर्तव्य में लापरवाही का दोषी है.

Written By Nizam Kantaliya | Published : May 4, 2023 11:03 AM IST

नई दिल्ली: असम की एक उपभोक्ता अदालत ने फिल्म देखने गए एक दर्शक को चूहे द्वारा काटे जाने पर सिनेमा मालिक पर 67 हजार रूपये से अधिक राशि का जुर्माना लगाया है.

असम की कामरूप जिला उपभोक्ता अदालत के अध्यक्ष एएफए बोरा, सदस्य अर्चना डेका लखर और तूतुमोनी देवा गोस्वामी की पीठ ने सिनेमा हॉल में साफ सफाई में कमी को सेवा में कमी मानते हुए ये आदेश दिया है.

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उपभोक्ता अदालत ने अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट के उपहार सिनेमा कांड केस में दिए गए फैसले का भी जिक्र किया है.

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले की नज़ीर

उपभोक्ता अदालत ने कहा कि उपहार सिनेमा अग्निकांड केस में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यह सिनेमा हॉल मालिक की जिम्मेदारी है कि वह सिनेमा के भीतर साफ सफाई और स्वच्छता को बनाए रखे.

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अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की टिप्पणी को उद्धत किया जिसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्पष्ट किया गया ​है कि सिनेमा हॉल की देखभाल करने का कर्तव्य एक बार का मामला नहीं है, यह निरंतर दायित्व है जो प्रत्येक आमंत्रित, संपर्क या अन्यथा, हर बार सिनेमैटोग्राफ की प्रदर्शनी के लिए होता है।.

समान रूप से महत्वपूर्ण यह है कि न केवल आम कानून के तहत, बल्कि वैधानिक व्यवस्था के तहत भी, आमंत्रित व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने का दायित्व निर्विवाद सिनेमा हॉल संचालको का है, कर्तव्य की कोई भी उपेक्षा नागरिक और आपराधिक दोनों के रूप में संभव है, इस पर निर्भर करता है कि क्या लापरवाही सरल या स्थूल है.

उपभोक्ता अदालत ने कहा कि इस मामले में भी सिनेमा हॉल संचालको की यह ड्यूटी थी कि वे सिनेमा हॉल को स्वच्छ और साफ रखते, जहां पर शिकायतकर्ता अपने परिवार के साथ दूसरे अन्य लोगो के साथ फिल्म देखने गए.

अदालत ने कहा कि इस केस की सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता के इस तर्क का सिनेमा हॉल संचालको ने खंडन नहीं किया कि सिनेमा हॉल गंदा था और जहां तहां खाने की सामग्री बिखरी हुई थी.

सिनेमा हॉल संचालको का तर्क

सुनवाई के दौरान गैलेरिया सिनेमा हॉल संचालको की ओर से शिकायत का विरेाध करते हुए कहा गया कि शिकायत विचार योग्य नहीं है और शिकायतकर्ता ना केवल मौके पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया था, बल्कि उन्हे अस्पताल भी पहुंचाया गया था.

सिनेमा संचालको की ओर से कहा गया कि सिनेमा हॉल में अन्य दर्शक भी थे और शिकायतकर्ता को चुहे द्वारा नहीं काटा गया था.

ये है मामला

20 अक्टूबर, 2018 को गुवाहाटी के भंगागढ़ में गैलेरिया सिनेमा में शिकायतकर्ता अपने परिजनों के साथ फिल्म देखने पहुंची थी. निर्धारित दर का भुगतान करने के बाद शिकायतकर्ता और उसके परिवार के सभी सदस्यों ने सिनेमा में प्रवेश किया.

फिल्म के दौरान ही शिकायकर्ता को सिनेमा हॉल में एक चुहे ने काट लिया. इस मामले में सिनेमा संचालको को शिकायत करने पर शिकायतकर्ता को दूसरे शो का टिकट देने का आफर किया गया.

शिकायतकर्ता द्वारा जोर देने पर सिनेमा संचालको ने उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां चुहे काटने के आधार पर चिकित्सको ने उपचार किया.

बचाव पक्ष के तर्क

शिकायत करने वाली महिला ने सिनेमा हॉल संचालको के तर्को का विरोध करते हुए कहा कि जब वे समझौता करने गए तो उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर उन्हें केवल उनकी अगली फिल्म के लिए मुफ्त टिकट की पेशकश की थी.

शिकायतकर्ता की ओर से कहा गया कि सिनेमा हॉल संचालको ने उनकी शिकायत का इस आधार पर विरोध ​नहीं किया गया कि उन्हे चुहे द्वारा काटा गया है.

सिनेमा हॉल के दौरान गंदगी और खाना बिखरे होने के तथ्य से भी इंकार नहीं किया गया है.

अदालत का फैसला

कामरूप जिला उपभोक्ता अदालत ने सिनेमा हॉल के भीतर साफ सफाई और स्वच्छता का ध्यान नही रखने के लिए संचालको की सेवा में कमी माना.अदालत ने कहा कि सिनेमैटोग्राफ अधिनियम के तहत उचित सेवा प्रदान करने के लिए हॉल अपने कर्तव्य में लापरवाही का दोषी है.

अदालत ने सिनेमा संचालको को शिकायतकर्ता को हुए नुकसान के लिए मुआवजे के रूप में ₹67,282 का भुगतान करने का आदेश दिया है.

अदालत ने कहा कि प्रत्येक​ फिल्म के शो के बाद संभवतया सिनेमा हॉल की सफाई नही की जाती रही है, इस मामले में अगर किसी चुहे द्वारा नहीं काटा गया होता तो चिकित्सक चुहे के काटने का ईलाज नहीं करते.

अदालत ने शिकायतकर्ता को हुई मानसिक पीड़ा के लिए 40 हजार, दर्द और पीड़ा के लिए 20000 रुपये और चिकित्सा खर्च के लिए 2282 रूपये और अदालती कार्यवाही के लिए 5 हजार रूपये का भुगतान करने का आदेश दिया.