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1984 Sikh Riots: जगदीश टाइटलर पर आरोप तय होने की सुनवाई टली, अब 30 अगस्त को राउज एवेन्यू कोर्ट करेगी अगली सुनवाई

कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर

Independence Day के अवसर पर भारत के मुख्य न्यायाधीश DY Chandrachud ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वकीलों की भूमिका और स्वतंत्र न्यायपालिका की स्थापना में उनके योगदान की प्रशंसा की

Written By Satyam Kumar | Published : August 16, 2024 11:56 AM IST

1984 Sikh Riots Case: आज राउज एवेन्यू कोर्ट में सिख विरोधी दंगे में जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने (Framing Of Charges) की कार्यवाही टल गई है. राउज एवेन्यू कोर्ट अब 30 अगस्त इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी. कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ ये केस पुलबंगश इलाके में तीन सिखों की हत्या और गुरुद्वारा साहिब में आग लगाने से जुड़ा है.

CBI ने जगदीश टाइटलर पर दंगे और हत्या के लगाए हैं आरोप

CBI ने इस मामले में जगदीश टाइटलर के खिलाफ IPC की धारा302( हत्या),147( दंगे),109( अपराध के लिए उकसाने) के आरोप में चार्जशीट दाखिल की है. सीबीआई ने चार्जशीट में  चश्मदीदों के बयान का हवाला दिया है, जिसके मुताबिक टाइटलर 1 नवंबर 1984 को सफेद एम्बेसडर कार में गुरुद्वारा पुल बंगश के पास पहुंचा. वहाँ कार से निकलते ही उसने हथियारबंद भीड़ को ये कहते हुए सिखों की हत्या के लिए उकसाया कि "सिखों को मारो, इन्होंने हमारी मां को मारा है. इसी भीड़ ने तीनो सिखों को मार डाला. उनके गले मे टायर डालकर आग लगा दी गई. भीड़ ने गुरुद्वारा साहिब में भी आग लगा दी. अब कोर्ट 30 अगस्त को तय करेगा कि टाइटलर के खिलाफ किन धाराओं में मुकदमा चलेगा.

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पिछले साल एक लाख के मुचलके पर मिली जगदीश टाइटलर को मिली थी अग्रिम जमानत

समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार  से न्यायाधीश ने एक लाख रुपये के निजी जमानती बॉण्ड और इतनी ही राशि के मुचलके पर उन्हें राहत दी. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने के एक दिन बाद एक नवंबर, 1984 को यहां पुल बंगश क्षेत्र में तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी और एक गुरुद्वारे में आग लगा दी गई थी.

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शहर की एक अदालत ने 26 जुलाई को मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Investigation Bureau) द्वारा दायर 20 मई के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के बाद टाइटलर को पांच अगस्त को तलब किया था. राहत की मांग करते हुए टाइटलर के वकील ने अदालत से कहा था कि उनके मुवक्किल को गिरफ्तारी की आशंका है और उन्हें जमानत दी जानी चाहिए.

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